पृष्ठ:उपयोगितावाद.djvu/२५

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।

उपयोगितावाद ।

पहिला अध्याय।

साधारण वक्तव्य

दर्शनशास्त्र के आरम्भ ही से अच्छे बुरे का प्रश्न या दूसरे शब्दों में आचार के आधार का प्रश्न दर्शनशास्त्र की मुख्य समस्या रहा है। बड़े २ प्रतिभाशाली विद्वानों ने इस पर विचार किया है और मत-भेद के कारण भिन्न २ शाखाओं में विभक्त हो गये हैं तथा एक दूसरे पर ख़ूब आक्षेप प्रत्याक्षेप किये हैं। आज दो सहस्र वर्ष पश्चात् भी वे ही झगड़े बने हुवे हैं। अब तक तत्त्वज्ञानी इस समस्या के सम्बन्ध में परस्पर विरोधात्मक विचार रखने वाली शाखाओं में बटे हुवे हैं। इस समस्याके सम्बन्ध में जितने भिन्न २ मत उस समय थे, जब कि युवावस्था