पृष्ठ:उपहार.djvu/८५

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सोने की कराठी ? [१] रायसाहय निमूर्लचन्द की कोठी के सागरपेशे को एक फोटरी में किराये से रहता था। पोस्टमैन की मामदनी ही कितनो? खर्च सदा ही आमदनी से कुछ ज्यादा हो जाया करता था, इसलिए विन्दो और उसकी मां को अच्छे गहने और कपड़े कभी नसीय न हुए। विन्दो रूपवती थी और उसको अच्छे-अच्छे गहने-कपड़ों का था। स्त्रियां स्यभावतः सौंदर्य की उपासिका होती हैं। जो जितनी अधिक सुन्दर होती है उसकी सौंदर्योपासना उतनी ही अधिक बढ़ी-बढ़ी होती है। किन्तु सुन्दरी यिन्दो गहनों और कपड़ों के लिए तरसा करती थी। रायसाहय फी और