पृष्ठ:ऊर्म्मिला.pdf/५३२

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ऊम्मिला उद्भव - भय १ राम-श्याम तन, चिरजीवन-धन जन - गण - मन - रजन - कारी, राम, धर्मधर, राम, धनुर्धर, भजन हारी, म,-अविचलित,करुण चलित-चित, ललित राम लीला म,-नित्य निष्काम राम वे,- सतत कर्म - निष्ठा - भर्ता, म,-लोकनायक, मतिदायक, खर सायक-धर, जय-जय, हे, राम, सदय हे, विजय-निलय, हे, "जय जय जय कल्मष-क्षय, है। • कर्ता, राम, सीतापति, इन्द्रिय-पति, इन्द्रिय गोचर पति, अहकार मन बुद्धि पते, कायापति, माया छाया पति, नित शुद्धमते, 'महामहिम योगेश्वर हरि हर, जागरूक उद्बुद्ध यते, गुडाकेश, कूटस्थ अचल अति, 'गति पति, अन अवरुद्ध गते, सदा शान्त चित, अनुद्विग्न नित मिर्यादा पुरुषोत्तम, जय जय दशरथनन्दन, जय, हे, जय जय जयति नरोत्तम, ह । WE