पृष्ठ:कंकाल.pdf/९७

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कुछ मिनटों में लतिका एक सफेद रेशमी धोती पहने बायम के छाध बाहर हो गर्छ । बूढे पादरी ने क्षतिका के सिर पर हाथ फेरते हुए कहा चलती हो माग रेट ? नाम और जॉन भी अतिक्र को प्रसन्न रखने के लिए भारतीय संस्कृति से अपनी पूर्ण सहानुभुति दिखाते 1 वे आपस में बात करने के लिए प्रायः हिन्दी में ही बोलते । हाँ पिता ! मुझे आज विलम्ब हुआ, अन्यथा मैं ही इनसे चलने के लिए पहले अनुरोध करती । मेरी रसोईवारिन आज कुछ बीमार है, मैं उनकी सहायढा घर रही थी, इसी से आपको कुछ करना पड़ा। | ओहो ! उस दुखिया पला फो कहती हो । नका ! इसके पतिस्मा में नने पर मी मैं उस पर बड़ी श्रद्धा करता है । वह एक जीव-जागती करुया है । इसके मुख पर मसीह की जननी के अंपल की छाया है। उसे क्या हुआ है केटी ? नमस्कार पिता ! मुझे तो कुछ नहीं हुगा है। नाविका रानी के दुलार का रोग कभी-कभी मुदी बहुत सताता है 1-कहती हुई एक पास बरस की प्रा स्त्री ने ढूंढे पादरी के सामने भावर शिर झुका दिमी । । भौहों, मेरी सरना 1 तुम अच्छी हो, यह जानकर मैं गहुत सुखी हुआ । कही। तुम प्रार्थना तो झरती हो न ? पवित्र आत्मा राम्रा कल्याण करे । त्ततिका के हृदय में यीशु की प्यारी बरुणा है, सरला ! भह तुम्हें बहुत प्यार मरती है। पादरी ने कहा। मुन्न दुखिया पर दया करते इन लोगों ने मेरा बड़ा उपकार किया है साह । भगवान् इन लोगों का मंगल करे।--ौडा ने कहा। तुम बपतिस्मा फ्यों नहीं लेतीं हो सरला ! इस असहाग लोक में तुम्हारे अपराधी को फोन पर सैगा ? तुम्हारा कौन उद्धार करेगा ?--पदरीं । का । शाप सौगों से सुनकर मुझे पहू विषसि हो गया है कि मौE एक दयान महात्मा ५ । मैं उनमें था करती है। मुर्च इनकी बात सुनकर ठीक भागबन्न । उस भक्त का स्मरण ही आता है जिसने भगवान् वा शरदान पाने का रि-भर ने दुःखी भी अपने लिने मांगा था—अहा । वैर ही हुदयं महात्मा ईसा का भी था; परन्तु पिड़ा ! इस लिए भर्म-परिवर्तन करना । मुलता है । इम हिन्दु का कावाद में विश्वास है । अपने-अपने घर्मफल तो भोगने ही पड़ेगे । पादरी चौक चला। उसने कहा- तुमने ठीक नहीं समझा । पापं का पश्चा- •८ : प्रमोद वानर