आपको भी। आज बोर्ड ने तस्लीम कर लिया कि गरीबों की सेहत, आराम और जरूरत को वह अमीरों के शौक, तकल्लुफ और हबिस से ज्यादा लिहाज के काबिल समझता है। उसने तस्लीम कर लिया कि ग़रीबों का उस पर उससे कहीं ज्यादा हक है जितना अमीरों का। उसने तस्लीम कर लिया कि बोर्ड रुपये की निस्बत रिआया की जान की ज्यादा कद्र करता है। उसने तस्लीम कर लिया कि शहर की जीनत बड़ी-बड़ी कोठियों और बंगलों से नहीं, छोटे-छोटे आरामदेह मकानों से है जिनमें मजदूर और थोड़ी आमदनी के लोग रह सकें। मैं खुद उन आदमियों में हूँ, जो इस उसूल को तसलीम न करते थे। बोर्ड का बड़ा हिस्सा मेरे ही ख्याल के आदमियों का था; लेकिन आपकी कुर्बानियों ने और आपके लीडरों की जाँबाजियों ने बोर्ड पर फतह पायी और आज उस फ़तह पर आपको मुबारकबाद देता हूँ और इस फ़तह का सेहरा उस के सिर है, जिसका जनाजा आपके कन्धों पर है। लाला समरकान्त मेरे पुराने रफीक हैं। उनका सपूत बेटा मेरे लड़के का दिली दोस्त है। अमरकान्त जैसा शरीफ नौजवान मेरी नजर से नहीं गुजरा। उसी की सोहबत का असर है कि आज मेरा लड़का सिविल सर्विस छोड़कर जेल में बैठा हुआ है। नैना देवी के दिल में जो कशमकश हो रही थी, उसका अन्दाजा हम और आप नहीं कर सकते। एक तरफ बाप और भाई और भावज जेल में कैद, दूसरी तरफ शौहर और ससुर मिलकियत और जायदाद की धुन में मस्त। लाला धनीराम मुझे मुआफ करेंगे। मैं उन पर फिकरा नहीं कसता। जिस हालत में वह गिरफ्तार थे उसी हालत में हम और आप और सारी दुनिया गिरफ्तार है। उनके दिल पर इस वक्त एक ऐसे ग़म की चोट है, जिससे ज्यादा दिलशिकन कोई सदमा नहीं हो सकता। हमको और मैं यकीन करता हूँ, आपको भी उनसे कामिल हमदर्दी है। हम सब उनके ग़म में शरीक हैं। नैना देवी के दिल में मैके और ससुराल की लड़ाई शायद इस तहरीक के शुरू होते ही शुरू हुई और आज उसका यह हसरतनाक अंजाम हुआ। मुझे यकीन है कि उनकी इस पाक कुरबानी की यादगार हमारे शहर में उस वक्त तक रहेगी, जब तक इसका वजूद कायम रहेगा। मैं बुतपरस्त नहीं हूँ, लेकिन सबसे पहले मैं तजवीज करूँगा कि उस प्लाट पर जो महल्ला आबाद हो, उसके बीचो-बीच इस देवी की
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