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मृत्यु-चुम्बन
'मूर्खता मत करो सोम, मरे वह असुर।'
'ऐसा नहीं हो सकता।'
उसने कुण्डनी को पकड़कर खींचा। अब वहां एक भी जीवित असुर न था, सब मरे पड़े थे। जो बचे थे—भाग रहे थे। सोम कुण्डनी का हाथ पकड़ उसी अंधकार में चम्पारण्य में विलीन हो गया।