पृष्ठ:कामना.djvu/१५६

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।

६—अन्तजर्गत

लेखक—पं॰ लक्ष्मीनारायण मिश्र

यह पुस्तक छायावाद की कविता में जागृति की नई लहर पैदा करनेवाली है। आन्तरिक वेदना का बड़ा ही कारुणिक शब्दचित्र है। भावमयी ललित रचना अत्यंत मुग्धकारिणी है। मू॰ ।)

७—मैत्रीधर्म

लेखक—श्रीयुत बाबू गुलाबराय, एम ए., एल एल. बी.

इसमें मैत्रीधर्म की अत्यन्त सरल सुबोध दार्शनिक व्याख्या की गई है। मित्र और मित्रता के गुण-दोषों की पांडित्यपूर्ण मार्मिक विवेचना ने इस पुस्तक को नवयुवको के लिए बड़ा ही उपदेशप्रद बना दिया है। झूठी मित्रता के धोखे से बचना हो तो इसे एक बार अवश्य पढ़िये। मू॰ ।)


८—यूथिका

लेखक—श्रीगोपाल नेवटिया

इसमें आठ अनूठी कहानियाँ हैं—साहित्यिक, सामाजिक और ऐतिहासिक। सभी कहानियाँ शिक्षाप्रद और सरस तथा मनोहारिणी हैं। कई कहानियाँ गद्य-काव्य की तरह अविरल आनन्द देने वाली हैं। पढ़कर और छपाई-सफाई देखकर आप निश्चय ही मुग्ध हो जायँगे। मू॰ ।״)

सरल पद्य-माला
१—बाल-विलास
रचयिता—पं॰ अयोध्यासिंह उपाध्याय

'माधुरी' लिखती है—इस छोटी सी पुस्तक में २१ विषयों को लेकर बालकोपयोगी रचना की गई है। विषय ऐसे चुने गये

१४