पृष्ठ:कार्ल मार्क्स पूंजी १.djvu/१०२

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माल - . होता है। अभी तक किसी रासायनिक ने न तो मोती में विनिमय-मूल्य खोजा है और न ही हीरे में। लेकिन इस रासायनिक तत्व के प्रार्षिक प्राविष्कारकों को, जिनका पालोचना के क्षेत्र में बड़ी सूक्ष्म दृष्टि रखने का दावा है, पता लगता है कि वस्तुओं में उपयोग-मूल्य उनके भौतिक गुणों से स्वतंत्र होता है, जब कि उनका मूल्य, इसके विपरीत, वस्तुओं के रूप में उनका अंश होता है। जो बात उनके इस विचार को और पक्का कर देती है, वह यह विचित्र तव्य है कि वस्तुओं का उपयोग मूल्य विनिमय के बिना ही, मनुष्य के साथ इन वस्तुमों के सीधे सम्बंध के चरिये, प्रत्यक्ष रूप में सामने प्रा जाता है, जब कि, दूसरी तरफ़, उनका मूल्य केवल विनिमय के द्वारा, अर्थात् एक सामाजिक प्रक्रिया के जरिये ही, प्रत्यक्षतः सम्मुल पाता है। इस सम्बंध में हमारे भले मित्र मेगवेरी की किसको याद न पायेगी, जिसने अपने पड़ोसी सीकोल से कहा पा कि "सुन्दरता भाग्य की देन होती है, पर लिखना-पढ़ना प्रकृति से मिलता है।" . 1S. Bailey, उप पु०, पृष्ठ १६५। "Observations" के लेखक और एस० बेली ने रिकार्डो पर यह आरोप लगाया है कि उन्होंने विनिमय-मूल्य को सापेक्ष से निरपेक्ष चीज़ में बदल दिया है। सचाई इसकी उल्टी है। वस्तुओं के बीच में, जैसे हीरों और मोतियों के बीच में, जो ऊपरी सम्बंध होता है, यानी जिस संबंध में वस्तुएं विनिमय-मूल्यों के रूप में सामने आती हैं, रिकार्डो ने उसका विश्लेषण किया है और दिखावटी सम्बंध के पीछे छिपे हुए असली सम्बंध को खोलकर बताया है कि यह केवल मानव-श्रम की अभिव्यंजनाओं का सम्बंध है। यदि रिकार्डों के अनुयायियों ने बेली को किसी कदर कठोर उत्तर दिया है और यदि फिर भी वे उनको समुचित उत्तर नहीं दे पाये हैं, तो इसका कारण हमें इस बात में खोजना चाहिए कि इन लोगों को रिकार्डो की अपनी रचनाओं में कोई ऐसी कुंजी नहीं मिल सकी थी, जिससे वे मूल्य तथा उसके रूप-विनिमय- मूल्य - के बीच विद्यमान गुप्त सम्बंधों को समझ सकते। 7*