पृष्ठ:कार्ल मार्क्स पूंजी १.djvu/१४

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विषय-सूची ११ मजदूरी उनीसवां अध्याय। -श्रम-शक्ति के मूल्य (पौर क्रमशः दाम ) का मजदूरी में रूपान्तरण ५९६ बीसवां अध्याय ।-समयानुसार मजदूरी इक्कीसवां अध्याय।-कार्यानुसार मजदूरी . बाईसा प्रन्याय। - मजदूरी के राष्ट्रगत भेद . ६२८ . पूंजी का संचय तेईसवां अध्याय।-साधारण पुनरुत्पादन चौबीसवां अध्याय। -अतिरिक्त मूल्य का पूंजी में रूपान्तरण ६५१ अनुभाग.१- उत्तरोत्तर बढ़ते हुए पैमाने का पूंजीवादी उत्पादन। मालों के उत्पादन के सम्पत्ति सम्बंधी नियमों का पूंजीवादी हस्तगतकरण के नियमों में बदल जाना. ६५१ अनुभाग २- उत्तरोत्तर बढ़ते हुए पैमाने के पुनरुत्पादन के विषय में अर्थशास्त्र की ग़लत धारणा मनुभाग ३ - अतिरिक्त मूल्य का पूंजी तथा प्राय में विभाजन ।- -परिवर्जन का सिद्धान्त अनुभाग ४ - अतिरिक्त मूल्य के पूंजी तथा पाय के सानुपातिक विभाजन से स्वतंत्र किन बातों से संचय की राशि निर्धारित होती है ? - श्रम-शक्ति के शोषण की माना।-श्रम की उत्पादकता।-व्यवसाय में लगी हुई पूंजी और खर्च कर दी गयी पूंजी का बढ़ता हुमा अन्तर।-पेशगी लगाया गयी पूंजी का परिमाण ६७२ अनुभाग ५-तयाकथित श्रम-कोष पचीसवां अध्याय।- पूंजीवादी संचय का सामान्य नियम अनुभाग १-पूंजी की संरचना के ज्यों की त्यों रहते हुए संचय के साथ-साथ श्रम- शक्ति की मांग का बढ़ जाना . .. अनुभाग २-संचय की प्रगति और उसके साथ चलने वाली केंद्रण की क्रिया के साथ-साथ पूंजी के अस्थिर अंश की मात्रा में सापेक्ष कमी. ६९८ अनुभाग ३ - सापेक्ष अतिरिक्त जन-संख्या या प्रौद्योगिक रिजर्व सेना का उत्तरोत्तर बढ़ता हुमा उत्पादन अनुभाग ४ - सापेक्ष अतिरिक्त जन-संख्या के विभिन्न रूप। पूंजीवादी संचय का सामान्य नियम. ७१७ अनुभाग ५-पूंजीवादी संचय के सामान्य नियम के उदाहरण (क) इंगलैण्ड में १८४६ से १९६६ तक ७२६ (ब) ब्रिटिश प्रायोगिक मजदूर-वर्ग का बहुत कम मजदूरी पाने वाला हिस्सा . ७३२ ६८३ ६८७ ७०४