पृष्ठ:कार्ल मार्क्स पूंजी १.djvu/८७

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

८४ पूंजीवादी उत्पादन ३) मूल्य के सामान्य रूप का मुद्रा-स्म में संक्रमण . सार्वत्रिक सम-मूल्य रूप सामान्य मूल्य का रूप है। इसलिये कोई भी माल यह स्म पारण कर सकता है। दूसरी ओर, यदि किसी माल ने सचमुच सार्वत्रिक सम-मूल्य म (प 'ग') धारण कर लिया है, तो उसका एक यही कारण हो सकता है और वह इसी हद तक यह रूप धारण कर सकता है कि उसका बाकी तमाम मालों से और उन्हीं के द्वारा उनके सम- मूल्य के रूप में अपवर्जन हो गया है। और जिस बन यह अपवर्जन अन्तिम तौर पर किसी एक खास माल तक सीमित हो जाता है, केवल उसी क्षण से मालों की दुनिया के सापेक्ष मूल्य का सामान्य रूप वास्तविक स्थिरता एवं सामान्य सामाजिक मान्यता प्राप्त करता है। इस प्रकार, जिस जास माल के शारीरिक रूप के साप सम-मूल्य रूप सामाजिक तौर पर एकाकार हो जाता है, वह अब मुद्रा-माल बन जाता है, या यूं कहिये कि वह मुद्रा का काम करने लगता है। इस माल का यह विशिष्ट सामाजिक कार्य तथा इसलिये सामाजिक एकाधिकार हो जाता है कि वह मालों की दुनिया में सार्वत्रिक सम-मूल्य की भूमिका अदा करे। रूप 'ख' में जो बहुत से माल कपड़े के विशिष्ट सम-मूल्यों के रूप में सामने पाते हैं और जो रूप 'ग' में अपना-अपना सापेन मूल्य समान ढंग से कपड़े के रूप में व्यक्त करते हैं, उनमें से एक माल ने-यानी सोने ने-खास तौर पर यह सर्व-प्रमुख स्थान प्राप्त कर लिया है। अतएव, यदि रूप 'ग' में हम कपड़े के स्थान पर सोना रख दें, तो यह समीकरण प्राप्त होता है: घ) मुद्रा-रूप २० गड कपड़ा १कोट १० पौण चाय ४० पौडहवा २ माँस सोना १ क्वार्टर अनाज = १/२ टन लोहा मालका 'प' परिमाण रूप 'क' से प 'ख' की ओर बढ़ने में, और रूप 'ख' से स्म 'ग' की मोर बढ़ने में जो परिवर्तन हुए, वे बुनियादी उंग के परिवर्तन है। दूसरी मोर, रूप 'ग' और म 'घ' में सिवाय इसके और कोई अन्तर नहीं है कि कपड़े के स्थान पर सोने में सम-मूल्य सपारण कर लिया है। प 'ग' में जो कुछ कपड़ा पा, वही म 'घ' में सोना है, -अर्थात् वह सार्वत्रिक सम-मूल्य है। प्रगति केवल इस बात में हुई है कि प्रत्यक्ष एवं सार्वत्रिक विनिमेयता का गुण-दूसरे शब्दों में, सार्वत्रिक सममूल्य प-प्रब सामाजिक कहि के फलस्वरूप अन्तिम तौर पर 'सोना' मामक पदार्थ के साथ एकाकार हो गया है। अब यदि बाकी तमाम मालों के सम्बंध में सोना मुद्रा बन गया है, तो केवल इसीलिये कि पहले वह उनके सम्बंध में एक साधारण माल बा। बाकी सब मालों की तरह उसमें भी या तो संयोगवश होने पाले इको मुक्के विनिमयों में साधारण सम मूल्य की भांति और पा