पृष्ठ:कार्ल मार्क्स पूंजी २.djvu/२३२

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२३१ अध्याय १५ पेशगी पूंजी के परिमाण पर आवर्त काल का प्रभाव . इस अध्याय में और अगले , सोलहवें अध्याय में हम पूंजी के स्वप्रसार पर आवर्त काल के प्रभाव का विवेचन करेंगे। एक माल पूंजी ले लीजिये, जो- मान लीजिये कि- नौ हफ्ते की कार्य अवधि का उत्पाद है। उत्पाद के मूल्य के उस भाग को, जो स्थायी पूंजी की औसत छीजन से उसमें जुड़ता है, और उस वेशी मूल्य को भी हम फ़िलहाल अलग रहने देते हैं, जो उत्पादन प्रक्रिया के दौरान उत्पाद में जुड़ता है। इस प्रकार इस उत्पाद का मूल्य उसके उत्पादन के लिए पेशगी दी प्रचल पूंजी के मूल्य बराबर होगा, अर्थात उसके उत्पादन में प्रयुक्त कच्चे माल और सहायक सामग्री तथा मज़दूरी के बरावर। मान लीजिये , यह मूल्य ६०० पाउंड है, जिससे साप्ताहिक परिव्यय १०० पाउंड हुआ। अतः उत्पादन काल , जो यहां कार्य अवधि के वरावर है, ६ हफ्ते हुअा। यह वात महत्वहीन है कि हमारी कल्पना के अनुसार यह कार्य अवधि अविच्छिन्न उत्पाद की अथवा यह विच्छिन्न उत्पाद की अविच्छिन्न कार्य अवधि है, बशर्ते कि विच्छिन्न उत्पाद की जो मात्रा एक बार में बाज़ार में लायी जाती है, उसमें नौ हफ़्ते का श्रम लगता है। मान लीजिये, परिचलन काल तीन हफ़्ते का है। तब समूचा आवर्त काल बारह हफ्ते का होगा। नौ हफ्ते के बाद पेशगी उत्पादक पूंजी माल पूंजी में तवदील हो जाती है, किंतु अब वह तीन हफ्ते तक परिचलन की अवधि में रहती है। अत: नयी उत्पादन अवधि तेरहवें हफ्ते की शुरूआत से पहले प्रारंभ नहीं हो सकती और तीन हफ्ते अथवा समूची आवर्त अवधि के चौथाई हिस्से उत्पादन ठप रहेगा। यदि हम मान लें कि उत्पाद को बेचने में औसतन इतना समय लगता है या समय की यह दीर्घता वाज़ार की दूरी से, या विके हुए माल के भुगतान की शर्तों से जुड़ी हुई है, तो इससे भी कोई फ़र्क नहीं पड़ता। हर तीसरे महीने उत्पादन तीन हफ्ते और इस तरह साल में तीन का चार गुना , अर्थात बारह हफ्ते ठप रहेगा, जिसका मतलव हुआ तीन महीने या पावर्त की वार्पिक अवधि का चौथाई भाग। इसलिए यदि उत्पादन को निरंतर जारी रखना है और हफ्ता दर हफ्ता उसी पैमाने पर चलाना है, तो एक ही विकल्प है, और वह यह: या तो उत्पादन का पैमाना घटा दिया जाये, जिससे १०० पाउंड कार्य अवधि में तथा पहले आवर्त के परिचलन काल में भी काम चालू रखने के लिए काफ़ी हों। तव यावर्त की पहली अवधि समाप्त होने से पहले , दसवें हफ्ते से, दूसरी कार्य अवधि , अतः नयी आवर्त अवधि भी शुरू हो जायेगी, क्योंकि यावर्त अवधि वारह हफ्ते की है और कार्य अवधि नौ हफ्ते की .