पृष्ठ:कार्ल मार्क्स पूंजी २.djvu/२३५

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२३४ पूंजी का प्रावर्त हप्ता खत्म होने पर दूसरी कार्य अवधि समाप्त हो जाती है। उसके दौरान ६०० पाउंड की पेशगी पूंजी तीन हफ्ते वाद, अथवा दूसरी, वारह हफ़्ते की आवर्त अवधि का नवां हफ़्ता समाप्त होने पर वापस आती है। अपनी परिचलन अवधि के तीन हफ्तों में ३०० पाउंड को मुक्त पूंजी कार्यरत हो जाती है। इससे आवर्त की दूसरी अवधि के सातवें हफ्ते में अथवा वर्ष के उन्नीसवें हफ्ते में ६०० पाउंड की पूंजी की तीसरी कार्य अवधि शुरू हो जाती है। यावर्त की तीसरी अवधि । आवर्त की दूसरी अवधि के नवें सप्ताह के अंत में ६०० पाउंड का नया पश्चप्रवाह होता है। किंतु तीसरी कार्य अवधि पूर्ववर्ती आवर्त के सातवें हफ्ते में ही शुरू हो चुकी है और उसके छः हफ़्ते गुजर भी चुके हैं। अतः तीसरी कार्य अवधि केवल तीन हफ़्ते और चलती है। अतएव प्रत्यावर्तित ६०० पाउंड में से केवल ३०० पाउंड उत्पादक प्रक्रिया में प्रवेश करते हैं। पावर्त की इस अवधि के वाक़ी नौ हफ़्ते चौथी कार्य अवधि में आ जाते हैं और इस प्रकार साल संतीसवें हफ्ते से चौथी आवर्त अवधि तथा पांचवीं कार्य अवधि एकसाथ शुरू होती हैं। परिकलन को सरल बनाने के लिए इस मामले में हम यह मान लेते हैं कि कार्य अवधि पांच हफ़्ते की और परिचलन अवधि पांच हफ़्ते की है, इस तरह आवर्त अवधि दस हफ्ते की होगी। यह भी मान लीजिये कि साल में पचास हफ्ते हैं और प्रति सप्ताह पूंजी परिव्यय १०० पाउंड है। तब कार्य अवधि के लिए ५०० पाउंड की प्रचल पूंजी की और परिचलन काल के लिए ५०० पाउंड की अतिरिक्त पूंजी की आवश्यकता होगी। तब कार्य अवधियां और आवर्त काल इस प्रकार होंगे: पहली कार्य अवधि १- ५ हफ्ते तक (५०० पाउंड पण्य रूप में) १० वें हफ्ते के अंत में वापस दूसरी ६-१० ( ५०० ), १५ तीसरी ११-१५ (५०० २० चौथी १६-२० (५०० २५ पांचवीं २१-२५ (५०० ३० और इसी प्रकार आगे। 11 11 " 37 71 " 9) 92 19 ) 11 37 " . . यदि परिचलन काल शून्य है, जिससे आवर्त अवधि कार्य अवधि के वरावर है, तो आवर्ती की संख्या वर्ष भर की कार्य अवधियों की संख्या के बरावर होगी। पांच हफ्ते की कार्य अवधि होने पर इसका अर्थ होगा प्रति वर्ष आवर्त की ५०/५, अथवा १० अवधियां, और प्रावर्तित पूंजी का मूल्य १० का ५०० गुना, यानी ५,००० होगा। हमारी सारणी में, जिसमें हमने पांच हफ्ते का परिचलन काल माना है, प्रति वर्ष उत्पादित वस्तुओं का कुल मूल्य भी ५,००० पाउंड होगा, किंतु इसका दसवां भाग, यानी ५०० पाउंड, हमेशा माल पूंजी के रूप में रहेगा और पांच हफ़्ते से पहले वापस नहीं आयेगा। साल ख़त्म होने पर दसवीं कार्य अवधि (४६वें से लेकर ५० वें कार्य सप्ताह तक ) का उत्पाद अपना आधा आवर्त काल ही पूरा कर पायेगा, और उसका परिचलन काल अगले साल के पहले पांच हफ़्तों में पड़ेगा। अव हम तीसरा उदाहरण लेते हैं : कार्य अवधि ६ हपते , परिचलन काल ३ हपते , श्रम प्रक्रिया के दौरान हपतावार पेशगी १०० पाउंड। पहली कार्य अवधि : पहले से छठे हफ़्ते तक। छठे हफ्ते के अंत में ६०० पाउंड की माल पूंजी, नवें हफ्ते के अंत में वापस ।