पृष्ठ:कार्ल मार्क्स पूंजी २.djvu/२४०

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पेशगी पूंजी के परिमाण पर आवर्त काल का प्रभाव २३६ दोनों पूंजियां (पहली कार्य अवधि के लिए पेशगी दी गई पूंजी १ और अतिरिक्त पूंजी २ जो पूंजी १ की परिचलन अवधि के दौरान कार्य करती है), अपने संचलन में एक दूसरे को काटे बिना एक दूसरे की जगह लेती हैं। अतः पहली अवधि को छोड़कर, दोनों में प्रत्येक पूंजी केवल अपनी आवर्त अवधि के लिए पेशगी दी जाती है। जैसा कि आगे के उदाहरणों में दिखाया गया है, मान लीजिये कि आवर्त अवधि ६ हफ्ते की है, जिससे कि कार्य अवधि और परिचलन अवधि प्रत्येक ४ १/२ हफ्ते की हुई। तव हमारे सामने यह वार्पिक आरेख आता है। सारणी १ पूंजी १ यावर्त अवधियां कार्य अवधियां पेशगी परिचलन अवधियां 31 93 31 ४५० 17 11 १. १-६ हफ्ते तक २. १०-१८ ३. १६-२७ ४. २८-३६ ५. ३७-४५ ६. ४६-[५४] १- ४ १/२ हफ्ते तक ४५० पाउंड, ४१/२-६ हफ्ते तक १०-१३ १/२ १३ १/२-१८ १६-२२१/२ २२ १/२-२७ २८-३११/२ ३११/२-३६ ३७-४०१/२ ४०१/२-४५ ४६-४९१/२ ४६ १/२-[५४] ४५० ४५० " 11 91 11 17 " ४५० " " 11 97 93 " ४५० 1131 31 आवर्त के दूसरे वर्ष में पड़नेवाले हफ्ते कोष्ठकों में दिये गये हैं। पूंजी २ आवर्त अवधियां कार्य अवधियां पेशगी परिचलन अवधियां १. ४ १/२-१३ १/२ हफ्ते तक ४१/२-६ हफ्ते तक 13 1) " " S २. १३ १/२-२२ १/२ 11 १३ १/२-१८ 13 19 ३. २२ १/२-३१ १/२ ? " 17 २२ १/२-२७ ४५०१०-१३ १/२ हफ्ते तक |पाउंड ४५० १६-२२ १/२ पाउंड ४५० २८-३१ १/२ पाउंड ४५०३७-४०१/२ पाउंड ४५०४६-४६ १/२ पाउंड ४५० [५५-५८ १/२] पाउंड ४. ३११/२-४० १/२ 31 " 1) ३११/२-३६ 13 11 ५. ४०१/२-४६ १/२ " ४०१/२-४५ 11 " ६. ४६१/२-५८ १/२] ४६ १/२-५४] 91 "