पृष्ठ:कार्ल मार्क्स पूंजी २.djvu/२४६

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पेणगी पूंजी के परिमाण पर आवर्त काल का प्रभाव २४५ ६ : ३१-३६ ; ७ : ३७-४५ ; ८ : ४३-५१ हफ्ते तक)। किंतु चूंकि ४६-५१वें हफ्ते परिचलन की पाठवीं अवधि में पड़ते हैं, इसलिए मुक्त हुई पूंजी के ३०० पाउंड को दखल देना और उत्पादन को चालू रखना होगा। चुनांचे साल के अंत में आवर्त इस प्रकार होता है : ६०० पाउंड अपना परिपथ ८ वार पूरा कर चुके हैं, उनका कुल योग ४,८०० पाउंड है। इसके अतिरिक्त हमारे पास आख़िरी तीन हफ्तों (४६-५१ ) का उत्पाद भी है, किंतु उसने अपने ६ हपते के परिपथ का एक तिहाई भाग ही पार किया है, इसलिए प्रावर्तित राशि में उसकी राशि का केवल एक तिहाई , १०० पाउंड आता है। इसलिए यदि ५१ हफ़्तों का वार्षिक उत्पाद ५,१०० पाउंड हो, तो प्रावर्तित पूंजी केवल ४,८०० --- १००, यानी ४,६०० पाउंड हुई। अतः कुल पेशगी पूंजी, ६०० पाउंड , का आवर्त ५ ४/६ वार हुआ, जो पहले प्रसंग की तुलना में थोड़ा सा अधिक है। प्रस्तुत उदाहरण में हमने ऐसे मामले की कल्पना की है, जिसमें कार्य काल आवर्त अवधि का २/३ और परिचलन काल १/३ है, अर्थात कार्य काल परिचलन काल का सरल गुणज है। अव प्रश्न यह है कि जब यह कल्पना नहीं की जाती, क्या पूंजी तव भी ऊपर बताये ढंग से मुक्त होती है अथवा नहीं। मान लीजिये कि कार्य काल ५ हफ्तों का है, परिचलन काल ४ हफ़्ते और पूंजी की प्रति सप्ताह पेशगी १०० पाउंड है। पहली आवर्त अवधि : पहले से नवें हफ्ते तक । पहली कार्य अवधि : पहले से पांचवें हफ्ते तक। पूंजी १, ५०० पाउंड , अपना कार्य करती है। पहली परिचलन अवधि : छठे से नवें हफ्ते तक। नवां हफ्ता ख़त्म होने पर ५०० पाउंड द्रव्य रूप में वापस पा जाते हैं। दूसरी आवर्त अवधि : छठे से चौदहवें हफ्ते तक । दूसरी कार्य अवधि : छठे से दसवें हफ्ते तक। पहला हिस्सा : छठे से नवें हफ्ते तक । पूंजी २, ४०० पाउंड , अपना कार्य करती है। नवें हफ़्ते की समाप्ति , पूंजी १, ५०० पाउंड , द्रव्य रूप में वापस आ जाती है। दूसरा हिस्सा : दसवां हफ़्ता। वापस आये हुए ५०० पाउंड में से १०० पाउंड अपना कार्य करते हैं। शेष ४०० पाउंड अगली कार्य अवधि के लिए मुक्त हो जाते हैं। दूसरी परिचलन अवधि : ग्यारहवें से चौदहवें हफ्ते तक । चौदहवें हफ्ते की समाप्ति , ५०० पाउंड द्रव्य रूप में वापस आते हैं। चौदहवें हफ्ते की समाप्ति (११-१४ ) तक ऊपर मुक्त हुए ४०० पाउंड अपना कार्य करते हैं ; तव वापस आये ५०० पाउंड में से १०० पाउंड तीसरी कार्य अवधि (११-१५ वें हफ्ते तक ) की ज़रूरतें पूरी करते हैं, जिससे चौथी कार्य अवधि के लिए ४०० पाउंड फिर मुपत हो जाते हैं। प्रत्येक कार्य अवधि में इसी की आवृत्ति होती है ; उसके प्रारंभ में ४०० पाउंड उपलब्ध होते हैं, जो ४ हफ्ते के लिए काफ़ी होते हैं। चौया हफ्ता ख़त्म होने पर ५०० पाउंड द्रव्य रूप में वापस आ जाते हैं, इनमें से केवल १०० पाउंड अाखिरी हफ्ते के लिए अावश्यक होते हैं और शेष ४०० पाउंड अगली कार्य अवधि के लिए मुक्त रहते हैं। हम यह और मान लेते हैं कि एक कार्य अवघि ७ हफ्ते की है और उसमें पूंजी १७०० पाउंड की है ; परिचलन अवधि २ हफ्ते की है और पूंजी २ २०० पाउंड की है। .. .. .