पृष्ठ:कार्ल मार्क्स पूंजी २.djvu/२७०

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परिवर्ती पूंजी का प्रावर्त ५,००० वे हमारे सामने यहां वेशी मूल्य की दर है =१,०००%। किंतु जहां पहले ५००प प्रसंग में ५ हफ्ते का उत्पाद, ५०० वे, ५,००० पाउंड की पेशगी पूंजी के लिए परिकलित किया गया था, जिसका ६/१० भाग उसके उत्पादन में नियोजित नहीं किया गया था, वहां अव ५,००० बे को ५०० प के लिए, अर्थात ५,००० वे के उत्पादन में वस्तुत: नियोजित परिवर्ती पूंजी के दसवें भाग के लिए ही परिकलित किया जा रहा है ; कारण यह कि ५,००० वे ५,००० पाउंड की ५० हफ्ते के दौरान उत्पादक ढंग से उपभुक्त परिवर्ती पूंजी का उत्पाद हैं; ५ हफ्ते की एक ही अवधि में उपभुक्त ५०० पाउंड की परिवर्ती पूंजी का नहीं। पहले प्रसंग में ५ सप्ताह में उत्पादित वेशी मूल्य को ५० सप्ताह के लिए पेशगी दी गई और ५ सप्ताह में उपभुक्त पूंजी से १० गुना बड़ी पूंजी के लिए परिकलित किया गया था। अब ५०. सप्ताह में उत्पादित वेणी मूल्य को ५ सप्ताह के लिए पेशगी दी गई पूंजी के लिए , ५० सप्ताह में उपभुक्त पूजी से १० गुना कम पूंजी के लिए , परिकलित किया जा रहा है। ५०० पाउंड की पूंजी क ५ सप्ताह से ज्यादा के लिए कभी पेशगी नहीं दी जाती। यह वक्त बीत जाने पर वह लौट आती है, और साल के भीतर वह उसी प्रक्रिया का दस वार नवीकरण कर सकती है, क्योंकि वह १० आवर्त करती है। इससे दो परिणाम निकलते हैं : पहला : क के प्रसंग में जो पूंजी पेशगी दी जाती है, वह पूंजी के उस भाग से केवल ५ गुना बड़ी होती है, जो एक हफ्ते की उत्पादन प्रक्रिया में लगातार नियोजित रहती है। दूसरी पोर पूंजी ख , जो ५० हफ्ते में केवल एक वार श्रावर्तित होती है और इसलिए जिसे ५० मप्ताह के लिए पेशगी देना होता है, अपने उस भाग से ५० गुना बड़ी होती है, जिसे हफ्ते भर लगातार नियोजित किया जा सकता है। अतः आवर्त साल के भीतर उत्पादन प्रक्रिया के लिए पेशगी दी गई पूंजी तथा एक निश्चित उत्पादन अवधि , यथा एक सप्ताह के लिए सतत नियोज्य पूजी के संबंध को आपरिवर्तित कर देता है। इसलिए हमारे सामने यहां पहला प्रसंग है , जिममें ५ हफ्ते के वेशी मूल्य को इन ५ हफ्तों में नियोजित पूंजी के लिए नहीं, वरन उससे १० गुना बड़ी , ५० सप्ताह वास्ते नियोजित पूंजी के लिए परिकलित किया जाता है। दूसरा : पूंजी क की ५ सप्ताह की आवर्त अवधि में साल का दसवां भाग ही आता है, जिममे साल में ऐसी १० आवर्त अवधियां होती हैं, जिनमें ५०० पाउंड की पूंजी क उत्तरोत्तर पुनःनिवेशित होती । यहां नियोजित पूंजी प्रति वर्ष आवर्त अवधियों की संख्या से गुणित ५ हफ्ते के लिए पेशगी दी पूंजी के वरावर है। साल में नियोजित पूंजी १० का ५०० गुना अथवा .५,००० ५,००० पाउंड है। साल के दौरान पेशगी या ५०० पाउंड है। वास्तव १० में, यद्यपि ५०० पाउंड सदा पुनःनियोजित होते रहते हैं, फिर भी हर पांच हफ्ते बाद पेशगी दी जानेवाली राशि इन ५०० पाउंड से ज्यादा कभी नहीं होती। दूसरी ओर पूंजी ख के मामले में ५ सप्ताह में केवल ५०० पाउंड नियोजित किये जाते हैं और इन ५ हफ्तों के लिए पेशगी दिये जाते हैं। लेकिन, चूंकि इस मामले में ग्रावर्त अवधि ५० हफ्ते है, इसलिए साल में नियोजित पूंजी ५० सप्ताह के लिए पेशगी दी जानेवाली पूंजी के वरावर होती है, न कि हर ५ सप्ताह के लिए पेशगी दी जानेवाली पूंजी के वरावर। तथापि वेशी मूल्य की दर दी हुई गई पूंजी ,