पृष्ठ:कार्ल मार्क्स पूंजी २.djvu/२९

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

भूमिका . के नियम की असंगति होती है, जिसे स्वयं रिकार्डो ने पहचाना था, पर जिसका समाधान उनकी धारा भी नहीं कर सकी। इस असंगति पर रॉदवेर्टस की निगाह भी पड़े बिना न रही। किन्तु उसका समाधान प्रस्तुत करने के बदले उन्होंने उसे अपनी यूटोपिया का प्रारम्भ विन्दु बना लिया (Zur Erhenntnis, पृष्ठ १३१)। Zur Kritik* की पाण्डुलिपि में मार्क्स इस असंगति का समाधान पहले ही प्रस्तुत कर चुके थे। 'पूंजी' की योजना के अनुसार यह समाधान तीसरे खंड में दिया जायेगा। उसके प्रकाशित होने के पहले महीनों गुज़र जायेंगे। इसलिए जो अर्थशास्त्री यह दावा करते हैं कि उन्हें रॉदवेर्टस में मार्क्स के विचारों का गुप्त स्रोत और श्रेष्ठतर पूर्ववर्ती मिल गया है, उनके सामने अब यह दिखा देने का अवसर है कि रॉदबेर्टस जैसों का अर्थशास्त्र क्या-क्या सम्पन्न कर सकता है। यदि वे दिखा दें कि मूल्य के नियम का उल्लं किये बिना ही नहीं, वरन उसके आधार पर ही किस प्रकार लाभ की औसत दर पैदा हो सकती है, और उसे पैदा होना ही चाहिए, तो इस मसले पर उनसे और आगे वातचीत करने को मैं तैयार हो जाऊंगा। लेकिन उन्हें ज़रा जल्दी करनी चाहिए। जिन क्षेत्रों में अभी तक प्रायः किसी ने पैर नहीं रखा , प्रस्तुत दूसरे खंड में उनका विलक्षण अनुसंधान और उसके नितान्त नवीन परिणाम तो तीसरे खंड की विषय-वस्तु की भूमिका मात्र हैं, जिसमें पूंजीवादी अाधार पर सामाजिक पुनरुत्पादन प्रक्रिया के मार्स के विश्लेपण के अन्तिम निप्कों को विकसित किया गया है। जब यह तीसरा खंड प्रकाशित होगा, तव रॉदवेर्टस नाम के अर्थशास्त्री का उल्लेख करना भी लोग भूल जायेंगे । जैसा कि मार्क्स ने अनेक बार कहा था, 'पूंजी' के दूसरे और तीसरे खंड उनकी पत्नी को समर्पित किये जाने हैं। फ्रेडरिक एंगेल्स लन्दन, मार्क्स का जन्म दिवस, ५ मई, १८८५

दूसरे संस्करण की भूमिका वर्तमान दूसरा संस्करण कुल मिलाकर पहले संस्करण का ही ज्यों का त्यों पुनर्मुद्रित रूप है। छापे की भूलें सुधार दी गयी हैं, कुछ शैलीगत दोप दूर कर दिये गये हैं, और कुछ छोटे- छोटे पैराग्राफ़, जिनमें सिर्फ़ पुनरक्तियां थीं, काट दिये गये हैं।

  • K. Marx, Theorien über den Mehrwert (Vierter Band des Kapitals), 2.

Teil, Berlin, 1959. - an UT: Karl Marx, Capital, Vol. III, Part I and Part II, Moscow, 1959.-सं०

    • सम्पादक द्वारा दिया गया शीर्षक ।-सं०