पृष्ठ:कार्ल मार्क्स पूंजी २.djvu/३०५

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३०४ पूंजी का आवतं बात से प्रकट होता है कि पूंजी का एक भाग हमेशा द्रव्य पूंजी के रूप में विद्यमान रहता है प्रोर वेगी मूल्य का जो भाग हमेशा उसके मालिकों के हाथ में पाया जाता है, वह भी वैसे ही द्रव्य रूप में होता है। इसके अलावा, द्रव्य का परिचय-अर्यात द्रव्य का प्रस्थान बिंदु को प्रत्यावर्तन - पूंजी के आवर्त का एक दौर होने के कारण मुद्रा परिचलन 3 से पूर्णतः भिन्न , बल्कि उसकी विरोधी परिघटना है, जो बार-बार हस्तांतरण द्वारा प्रस्थान बिंदु से अपने सतत विचलन को प्रकट करती है (Buch I, S. 94)* 1 फिर भी त्वरित आवर्त में eo ipso [उसी कारण] त्वरित संचलन सन्निहित होता है। पहले परिवर्ती पूंजी के बारे में : यदि कोई , मान लीजिये, ५०० पाउंड की द्रव्य पूंजी परिवर्ती पूंजी के रूप में साल में १० बार आवर्तित होती है, तो स्पष्ट है कि संचलनगत मुद्रा की मात्रा का यह संखंड अपने मूल्य का १० गुना , अथवा ५,००० पाउंड परिचालित करता है। पूंजीपति और मजदूर के बीच वह साल में १० वार परिचालित होता है। प्रचल द्रव्य राशि के उसी संखंड से साल में १० बार श्रमिक की अदायगी की जाती है और श्रमिक स्वयं भी अदायगी करता है। यदि वही परिवर्ती पूंजी साल में केवल एक वार श्रावर्तित हो, तो उत्पादन का पैमाना वही रहने पर ५,००० पाउंड पूंजी का केवल एक आवर्त होगा। फिर : मान लीजिये प्रचल पूंजी का स्थिर भाग १,००० पाउंड है। यदि पूंजी १० वार प्रावर्तित होती है, तो पूंजीपति अपना माल और इसलिए उसके मूल्य के स्थिर प्रचल भाग को साल में १० वार बेचता है। द्रव्य की प्रचल मात्रा का वही संखंड (१,००० पाउंड के बरावर ) अपने स्वामियों के हाथ से साल में १० वार पूंजीपतियों के हाथ में पहुंचता है। यह द्रव्य १० वार हस्तांतरण करता है। दूसरे, पूंजीपति साल में १० वार उत्पादन साधन खरीदता है। इससे द्रव्य का फिर एक हाथ से दूसरे हाथ में १० बार परिचलन होता है। १,००० पाउंड की रक़म से प्रौद्योगिक पूंजीपति १०,००० पाउंड का माल वेचता है और फिर १०,००० पाउंड का माल खरीदता है। द्रव्य रूप में १,००० पाउंड के २० परिचलनों से २०,००० पाउंड की माल पूर्ति का परिचलन होता है। अंतिम वात , आवर्त में तेजी आने से द्रव्य के जिस अंश से वेशी मूल्य का सिद्धिकरण हो जाता है, उसका परिचलन भी तेज़ हो जाता है। .. 33 यद्यपि प्रकृतितंत्रवादी अव भी इन दोनों परिघटनाओं को उलझाते हैं, फिर भी सबसे पहले उन्होंने ही द्रव्य के अपने प्रारंभ बिंदु को पश्चप्रवाह के द्रव्य परिचलन का तात्विक रूप होने पर, परिचलन का वह रूप, जो पुनरुत्पादन को बढ़ावा देता है, होने पर जोर दिया था। "Tableau Economique पर निगाह डालते ही आप देख लेंगे कि उत्पादक वर्ग ही वह धन मुहैया करता है, जिससे दूसरे वर्ग उससे उत्पाद खरीदते हैं और वे जब दूसरे साल वही खरीदारी करने के लिए आते हैं, तो यह धन उसे लौटा देते हैं... इस तरह आप यहां व्यय के वाद पुनरुत्पादन और पुनरुत्पादन के बाद फिर व्यय के अलावा द्रव्य के परिचलन द्वारा निर्मित व्यय और पुनरुत्पादन को मापनेवाले इस वृत्त के अलावा और किसी वृत्त को नहीं ca" (Quesnay, Dialogues sur le Commerce et sur les Travaux des Artisans, Daire édition, Physiocrats, I, pp. 208, 209), "forat a 5 forse osrit और प्रत्यावर्तन को ही द्रव्य परिचलन की संज्ञा देनी चाहिए, यह उपयोगी और फलप्रद परिचलन, जो समाज के सभी श्रमों को जीवन देता है, जो राष्ट्र की क्रियाशीलता और जीवन को कायम रखता है और जिसकी प्राणी के शरीर में रुधिर के परिसंचरण से बिल्कुल Tân T977 of "(Turgot, Reflexions etc., Oeuvres, Daire édition, I, p. 45) | हिंदी संस्करण : पृष्ठ १३३-१३८ ।-सं० .