पृष्ठ:कार्ल मार्क्स पूंजी २.djvu/३३१

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र मक्षिा पंजी का पुनरत्पादन तथा परिचलन 11 fri: गोरो (मनमुन प्रतीत ही होते हैं)।" यह सारी कीमत , प्रर्यात उगो नि, नीन तल के लोगों में उसके वितरण से पूर्णतः स्वतंत्र है। "शायद गोन जारि स्टार की प्रतिस्थापना के लिए या उसके कमकर मवेशियों और कागदी डाफरनों मिलने छीजने की क्षतिपूर्ति करने के लिए चौथा भाग भी अावश्यक गोगा। लेग्नि समाना नाहिए कि कान के किसी उपकरण की, जैसे कि कमकर घोड़े गीन कर भी नी तीन भागों से बनती है : उस जमीन का किराया, जिस पर उसका पोला, उमा पालन-पोषण का श्रम और उस काश्तकार का लाभ , जो इस जमीन पा गिना और इस श्रम की मजदूरी दोनों पेशगी देता है। अतः यद्यपि अनाज की कीमत पो की कीमन और उनके भरण-पोषण का गचं दोनों अदा कर सकती है, फिर भी सारी मीमा पाने की प्रय भी अविलंब या अंततोगत्या किराये, श्रम' ( उनका प्राशय मजदूरी से +), "पोर नाम के. उन्धी तीन भागों में वियोजित करती है।" (चंड १, अध्याय ६ , पृष्ठ ४२। ) माने विस्मयकारी मिसांत के समर्थन में ऐडम स्मिथ को जो कुछ कहना है, यह सब गलम: गही। गवृत के नाम पर वह सिर्फ अपना वही दावा दोहराते हैं। मसलन , वह गीकार करते है कि अनाज की कीमत 4-1-वे ही नहीं है, बल्कि उसमें अनाज के उत्पादन में या उत्पादन माधनों की कीमत भी , अतः वह पूंजी मूल्य भी समाहित है, जिसका निवेश फामंर श्रम गति में नहीं करता है। लेकिन वह कहते हैं, इन सभी उत्पादन साधनों की कीमत प्राने को प+ये में वैसे ही वियोजित कर लेती है, जैसे अनाज की कीमत । लेकिन वह यह जोदना भूल जाते हैं : और इसके अलावा उत्पादन साधनों के खुद अपने निर्माण में उपभुक्त उत्पादन माधनों की कीमतों में भी वियोजित कर लेती है । वह हमें उत्पादन की एक शाखा से दूसरी शाग्रा पीर उममे तीगरी को निर्देशित करते हैं। यह दावा कि पण्य वस्तुओं की सारी कीमत 'अंततोगत्वा" प+वे में अपने को वियोजित कर लेती है, उसी हालत में टकोगला न होगा कि अगर वह यह दिखा सकें जन पण्य वस्तुओं की कीमत अपने को प्रविलंब उ (उपभुक्त उत्पादन साधनों की कीमत )+प+बे में वियोजित कर लेती है, उनकी अंततोगत्या उन पण्य वस्तुप्रों से क्षतिपूर्ति हो जाती है, जो उपभुक्त उत्पादन साधनों" को पूर्णतः प्रतिस्थापित करती हैं और मद जिनका उत्पादन परिवर्ती पूंजी के व्यय मात्र से , अर्थात पंजी के श्रम शक्ति में निवेश मात्र से होता है। उस हालत में इस अंतिम पण्य उत्पाद की कीमत अविलंब प-ये होगी। फलतः पूर्वोक्त की कीमत उ+प+वे, जहां उ पूंजी के स्थिर भाग का प्रतीक है , भी अंततोगत्वा प+वे में वियोज्य होगी। स्वयं ऐडम स्मिथ को विश्वास नहीं था कि उन्होंने स्कॉच अक़ीक संग्राहकों की मिसाल देकर ऐसा प्रमाण जुटा दिया है, जो उनके अनमार १) किमी प्रकार के बेणी मूल्य का सृजन नहीं करते , केवल अपनी मजदूरी पैदा करते हैं, और २) कोई उत्पादन साधन काम में नहीं लाते (लेकिन वे अक़ीक ढोने के लिए टोकरी, घोने और अन्य पात्रों के रूप में उन्हें काम में लाते ही हैं)। .. "अविलंब > अथवा 11 . 10 हम इन बात को नजरंदाज कर देते हैं कि यहां ऐडम स्मिय अपनी मिसाल के चुनाव में गामकर बदनमीच रहे हैं। अनाज का मूल्य अपने को मजदूरी, लाभ और किराये में केवल इसलिए वियोजित करता है कि कमकर मवेशियों के खाये चारे को कमकर मवेशियों की मजदूरी केवा में प्रौर कमार मयेगियों को उजरती श्रमिकों के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जिससे नतीजे के तौर पर उजरती मजदूर भी अपनी बारी में कमकर मवेशी के रूप में पेश किया गया है। (पांडलिपि २ में जोड़ा ग्रंश । -फे० एं० )