पृष्ठ:कार्ल मार्क्स पूंजी २.djvu/३६६

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साधारण .पुनरुत्पादन 48 पूंजीपतियों के पास पहले की ही तरह ५०० पाउंड द्रव्य रूप में और २,००० पाउंड स्थिर पूंजी के रूप में हैं, जिनमें अंतोक्त माल पूंजी के रूप से उत्पादक पूंजी के रूप में नवपरिवर्तित हैं। १,५०० पाउंड के ज़रिये ५,००० पाउंड की माल राशि को परिचालित कर दिया गया है। अर्थात : १) I अपने मजदूरों को १,००० पाउंड उनकी उसी मूल्य की श्रम शक्ति के लिए देता है ; २) मजदूर इन्हीं १,००० पाउंड से II से अपने निर्वाह साधन ख़रीदते हैं , ३) II उसी द्रव्य से I से उत्पादन साधन ख़रीदता है और इस तरह I को द्रव्य रूप में १,००० पाउंड राशि की परिवर्ती पूंजी वहाल कर देता है ; ४) II ५०० पाउंड के उत्पादन साधन I से ख़रीदता है ; ५) I उन्हीं ५०० पाउंड से II से उपभोग वस्तुएं खरीदता है; ६) II उसी ५०० पाउंड से I से उत्पादन साधन ख़रीदता है ; ७) I उन्हीं ५०० पाउंड से II से निर्वाह साधन ख़रीदता है। इस तरह ५०० पाउंड II के पास लौट आते हैं, जिसने उन्हें उन २,००० पाउंड के अलावा परिचलन में डाला था, जो माल के रूप में थे, और जिन्होंने परिचलन से कोई तुल्य माल नहीं निकाला था। इसलिए विनिमय का क्रम यह रहता है : १) I द्रव्य रूप १,००० पाउंड श्रम शक्ति के लिए , अतः १,००० पाउंड के बरावर माल के लिए देता है। २) मजदूर II से अपनी द्रव्य रूप में १,००० पाउंड मजदूरी से उपभोग वस्तुएं, अतः १,००० पाउंड के बराबर माल खरीदते हैं। ३) II मजदूरों से प्राप्त १,००० पाउंड से 1 से उसी राशि के उत्पादन साधन , अतः १,००० पाउंड के वरावर माल ख़रीदता है। इस तरह १,००० पाउंड I के पास परिवर्ती पूंजी के द्रव्य रूप में वापस आ जाते हैं। ४) II I से ५०० पाउंड के उत्पादन साधन , अतः ५०० पाउंड के बरावर माल ख़रीदता है। ५) I उन्हीं ५०० पाउंड से II से उपभोग वस्तुएं, अतः ५०० पाउंड के बरावर माल ख़रीदता है। ६) II उन्हीं ५०० पाउंड से I से उत्पादन साधन , अतः ५०० पाउंड के बरावर माल ख़रीदता है। ७) । उन्हीं ५०० पाउंड से II से उपभोग वस्तुएं, अतः ५०० पाउंड के बरावर माल ख़रीदता है। विनिमीत माल मूल्यों की कुल राशि : ५,००० पाउंड । II द्वारा खरीद के लिए पेशगी दिये ५०० पाउंड उसके पास लौट आये हैं। नतीजा इस प्रकार है: . ५६ पृष्ठ ३६४ [प्रस्तुत खंड के पृष्ठ ३५१-३५२] से यह कुछ भिन्न है। वहां भी I इसी प्रकार परिचलन में ५०० पाउंड की स्वतंत्र राशि डालता है। यहां अकेला II परिचलन के लिए अतिरिक्त द्रव्य उपलब्ध करता है। किंतु इससे आख़िरी नतीजे में फ़र्क नहीं पड़ता। -फ़े० एं०