पृष्ठ:कार्ल मार्क्स पूंजी २.djvu/३६७

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कुल सामाजिक पूंजी का पुनरुत्पादन तथा परिचलन लिए - + १) I के पास द्रव्य रूप में १,००० पाउंड राशि की परिवर्ती पूंजी है, जो उसने शुरू में पन्त्रिलन के लिए पेशगी दी थी। इसके अलावा उसने अपने व्यक्तिगत उपभोग अपने ही उत्पाद के रूप में १,००० पाउंड और व्यय किये थे, अर्थात उसने उत्पादन साधन वेत्रकर जो १,००० पाउंड की द्रव्य राशि प्राप्त की थी, वह खर्च कर डाली है। दूसरी ओर द्रव्य रूप में विद्यमान परिवर्ती पूंजी को जिस दैहिक रूप , अर्थात श्रम शक्ति में रूपांतरित करना होता है, उसे उसके स्वामियों ने व्यापार के एकमात्र माल के रूप में, जिसे उन्हें जिंदा रहने के लिए वेचना होता है, उपभोग के द्वारा कायम रखा है, पुनरुत्पादित किया और फिर उपलभ्य बना दिया है। इसी प्रकार उजरती मजदूरों और पूंजीपतियों का संबंध भी पुनरुत्पादित हो गया है। २) II की स्थिर पूंजी वस्तुरूप में प्रतिस्थापित हो गयी है, और उसी II द्वारा परिचलन में पेशगी दिये ५०० पाउंड उसके पास लौट आये हैं। जहां तक I के मजदूरों का संबंध है, परिचलन साधारण है : मा-द्र-मा: 2 3 मा (श्रम शक्ति)-द्र (१,००० पाउंड, I परिवर्ती पूंजी का द्रव्य रूप ) -मा (१,००० पाउंड की जीवनावश्यक वस्तुएं); ये १,००० पाउंड II की माल के, निर्वाह साधनों के रूप में विद्यमान स्थिर पूंजी के मूल्य को द्रव्य राशि में परिवर्तित करते हैं। II के पूंजीपतियों के संबंध में क्रिया मा द्र उनके पण्य उत्पाद के एक अंश का द्रव्य रूप में रूपांतरण है, जिससे वह उत्पादक पूंजी के घटकों में, अर्थात उनके लिए आवश्यक उत्पादन साधनों के एक अंश में, पुनःपरिवर्तित हो जाता है। उत्पादन साधनों के दूसरे अंश खरीदने के लिए II के पूंजीपतियों द्वारा पेशगी दिया द्रव्य ( ५०० पाउंड ) II के उस अंश का द्रव्य रूप प्रत्याशित होता है, जो अभी पण्य वस्तुओं ( उपभोग वस्तुओं) के रूप में विद्यमान है; द्र-मा क्रिया में, जिसमें II द्र से खरीदता है और I मा को वेचता है, द्रव्य (II) उत्पादक पूंजी के एक अंश में परि- वर्तित हो जाता है, जब कि मा (I) मा द्र क्रिया से गुजरता है, द्रव्य में परि- वर्तित होता है, किंतु यह द्रव्य I के लिए पूंजी मूल्य का कोई संघटक अंश नहीं, वरन द्रव्य में परिवर्तित और केवल उपभोग वस्तुओं पर व्ययित वेशी मूल्य होता है। द्र-मा. .उ... मा-द्र' परिपथ में पहली क्रिया द्र- मा एक पूंजीपति की है और अंतिम क्रिया मा' -द्रा ( अथवा उसका एक हिस्सा ), दूसरे पूंजीपति की है; जिस मा से द्र उत्पादक पूंजी में परिवर्तित होता है, वह मा के विक्रेता के लिए (जो इस मा का विनिमय द्रव्य से करता है ), स्थिर पूंजी का घटक है, परिवर्ती पूंजी का घटक या वेशी मूल्य है, यह सब स्वयं माल परिचलन के लिए पूर्णतः निरर्थक है। जहां तक उसके माल उत्पाद के घटक प+वे का संबंध है, वर्ग I परिचलन में जितना डालता है, उससे ज्यादा निकालता है। पहले तो परिवर्ती पूंजी के १,००० पाउंड उसके पास लौट आते हैं। दूसरे, वह ५०० पाउंड के उत्पादन साधन वेचता है (ऊपर विनिमय क्रमांक ४ देखिये); इस तरह उसके वेशी मूल्य का आधा हिस्सा द्रव्य में बदल जाता है; इसके