पृष्ठ:कार्ल मार्क्स पूंजी २.djvu/४१७

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माना पुगतान तथा परिचलन .. म. मिररे यहां नामाजिक उत्पाद का नमन मूल्य अपने को ife - नाजिमो कि स्थिर पूंजी मूल्य शून्य रह जाता है। मग निमा रियाति प्राय के परिचलन के लिए आवश्यक

गार परिगलन के लिए भी पर्याप्त होगा और इसलिए हमारे उदाहरण
:... मी अभीग यमुनों के परिचलन के लिए आवश्यक है, वह ६,०००

fir मा परिणतन के लिए भी पर्याप्त होगा। दरअसल ऐडम स्मिथ और टर नेगे दोरगागा है। प्राय के सिद्धिकरण के लिए आवश्यक द्रव्य मन मानाजिर अगर को परिनालित करने के लिए यावश्यक द्रव्य की मार गलती परत धारणा उस समजहीन , चिंतनहीन ढंग का अनिवार्य परिणाम माति आरती नामग्री और मूल्य के विभिन्न तत्व पुनरुत्पादित पीर प्रति ना दिये जाने । यतः का गंडन पहले भी हो चुका है। प, म मिा गोर टूर की बातें मुनें। र, प्रभाव में गिय करते हैं : “प्रत्येक देश के परिचलन को दो भिन्न शाखाओं imi माना जा मरता : दुकानदारों का एक दूसरे के साथ परिचलन और दूकानदारों सामान बीन पग्निलन। यद्यपि द्रव्य की वही मुद्राएं, चाहे वे काग़ज़ की हों या नाही, कभीर पग्निनन में , तो कभी दूसरे परिचलन में इस्तेमाल की जा सकती हैं, कभी न दोनों लगातार गाय ही नाथ चलते रहते हैं, इसलिए इनमें से प्रत्येक को काम मला लि पर या दूसरे प्रकार के द्रव्य की कुछ जमा की आवश्यकता होती है। विभिन्न मागे बीन पग्निालिन माल का मूल्य दुकानदारों और उपभोक्तानों के बीच परिचालित नामय में कभी ज्यादा नहीं हो सकता ; कारण कि दुकानदार जो कुछ खरीदते हैं, वह योगमा आमालानों को बनने के लिए ही उद्दिष्ट होता है। दुकानदारों के बीच परिचलन गरि भोर का में होता है, इसलिए वह प्रत्येक विणेप सौदे के लिए सामान्यतः काफ़ी बड़ी नाम की मांदा करना है। इसके विपरीत दूकानदारों और उपभोक्ताओं के बीच परिचलन मामाल: गमग होना; इसलिए वह अक्सर बहुत छोटी रकम की अपेक्षा करता है, बहुधा पा मिलिंग या प्राधा पेंग भी काफ़ी हो जाता है। किंतु छोटी रक़में बड़ी रक़मों के मुकाबले में ही में परिचालित होती हैं. अतः यद्यपि सभी उपभोक्ताओं की वार्पिक खरीद गगन" [गह “ कम से कम" प्रचुर है ] " मूल्य में सभी दुकानदारों की म्युरीद के बराबर सनी, फिर भी कट मामान्यतः द्रव्य की बहुत कम मान्ना से की जा सकती है," इत्यादि । कम मिल के दमा उद्धरण पर टॉ० टूक यह टिप्पणी करते हैं (An Inquiry into the Curreru Principle, लंदन , १८४८, ', पृष्ठ ३४-३६ पर जहां-तहां ) : " इसमें कोई संदेह गीतमाला कि यहां जो भेद किया गया है, वह तत्वतः मही है . टूकानदारों तथा उप- भोलानी बीन विनिमय में मजदूरी का भुगतान भी शामिल है, जो उपभोक्ताओं का मुख्य दुकानदारों मोर दुकानदारों के बीच सभी लेन-देन जिनका प्राशय उत्पादक अथवा प्राचार में पादन की अथवा अन्य मध्यवर्ती प्रक्रियाओं की सभी मंजिलों के जरिये खुदरा दुगनार अदा निर्यात व्यापारी की गमी विक्रियों से है, पूंजी के संचलनों अथवा अंतरणों लियोनको । लेकिन अधिकांग लेन-देनों में पूंजी के अंतरण अनिवार्यतः यह पूर्वापेक्षा नहीं ने पीर यन्ननः उनके लिए यह पाययक भी नहीं है कि अंतरण के समय द्रव्य , यानी बैंक गोट या मिहा - मेरा प्रागय है दैहिक रूप में, न कि कल्पना में -एक हाथ से दूसरे हाथ में