पृष्ठ:कार्ल मार्क्स पूंजी २.djvu/४८३

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विषय-निर्देशिका - - की ती नया नियोजित पंजी - और पेशगी दी जानेवाली पूंजी का अल्पतम ग्राकार-८३ -अग्नि पारा पोर ग्ति मंगलन- और भी देखें पूंजी का प्रांगिक संघटन। • ग्राम प्रति मा न्यूनीकरण - ३१५. पूंजी का संचय: -मापन प्राधि प्रांर उत्पादन प्रक्रिया की - ग्रोद्योगिक पूंजी के लक्ष्य और अप्रति- मीनिर प्राति-१६ रोध्य प्रेरक के रूप में- ६२, ४३६-४४० -संचय के उपादान के रूप में अपसंचय - उद्देन रोर परिणाम - ५२, ५६, ६८ ७८, ८३-८४, ११४, ४१३-४१४, ४२८ -में बावधान-५६, १०३ - बेशी मूल्य के उत्पादन का प्रसार करने के साधन के रूप में-७६, ११४ - विभिन्न दारों में किन्ही अवधियों -वेशी मूल्य के पूंजीकरण के रूप में - ८१ का पंजी का नियतन - ५५-५६ -बैंक जमानों और प्रतिभूतियों में द्रव्य -परिनलन पीर उत्पादन की एकान्विति पूंजी का संचय -८४, ११४ के रस में- ६१, १८, १०० -द्रव्य प्रारक्षित निधि-८४, १५२, १५६, - में व्यवधान प्रांर पारक्षित निधि-८४-८५. २८७, ३०७, ३६३ -के तीन मूत्र -१८ - और श्रम की उत्पादक शक्ति की वृद्धि - -के तीन रूपों की एकान्विति के रूप में- ३१५ १८, १००-१०१ - पूंजीवाद के अंतर्गत संचय की आवश्यक- - पीर उसका आयतं-१८४-१४५, २७३ ता-३४७ -के वास्तविक उपादान के रूप में साधारण - बहुमूल्य धातुनों के उत्पादन में-२६१- पुनरुत्पादन-३७७ -संचय में वेशी श्रम का व्यय -४३४ - सामाजिक पूंजी का परिपथ - ३११, ३१३ -संचय के विना व्यापार का विस्तार-४३८ पूंजी का प्रतिस्थापन : -संचय दर-४५५ पोर उत्पादन का विस्तार-१५६ पूंजीपति : - पीर मरम्मत (प्रतिकार )-१६३-१६४ -के वैयक्तिक उपभोग की वृद्धि - ६९-७० -का याकार १६४-१६५ - प्रौद्योगिक पूंजी के साकार रूप में- ११२ - तथा द्रव्य का पूर्व संचय - १६६-१६७ - और श्रमिक-३६०, ३८८-३८६, ४५१- -स्थायी पूंजी का प्रतिस्थापन - १७२, ४५२ १७६, ३६२-४१० -का उपभोग और प्राय ३६६ -उत्पादकः साधनों का प्रतिस्थापन और - और द्रव्य का परिचलन-२६८-२६६ नैतिक मूल्य ह्रास- १७० - और परिवर्ती पूंजी- ३८४-३८५, ३६१ - अपसंचय की छीजन का प्रतिस्थापन - २६० -- देस्तु द वासी के विवेचन में प्रोद्योगिक - और पुनरुत्पादन प्रक्रिया-३४६ पूंजीपति और निष्क्रिय पूंजीपति - ४२०- और भी देखें पुनरुत्पादन, छोजन। ४२६ पूंजी का मूल्य संघटन : और भी उत्पादन की - पूंजी मूल्य के परिमाण पर इसका प्रभाव - पूंजीवादी प्रणाली, वर्ग। पूंजीपति वर्ग- देखें पूंजीपति । - पूंजी की बढ़ती के साथ उसका परिवर्तन - और भी देखें ८२ पूंजी, उत्पादन की पूंजीवादी प्रणाली, वर्ग। देखें पूंजी, .