पृष्ठ:कार्ल मार्क्स पूंजी २.djvu/४९०

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

विपय-निर्देशिका ४८६ -के कार्य और समाज के कार्य काल की वचत-१२४-१२५ - व्यावसायिक श्रमिकों का शोषण- १२५- १२६ पीर भी देखें क्रय-विक्रय, व्यापार। शेयर बाजार (स्टॉक एक्सचेंज ): - पानुपंगिक लेन-देन - ३०५ श्रम: - और मूल्य की रचना - २५, २७, ३६- ३७, ३४० - और श्रम शक्ति-२५, २७, १११-११२ -बेगार-३६, २१०, ३४०, ४१६ - वेशी श्रम , पूंजी के लिए किया हुआ मुफ्त श्रम-४४ - पूंजीवादी समाज और उजरती श्रम- १०२, १११-११२, ३०५ -परिचलन क्षेत्र में किये श्रम का स्वरूप- १२३-१२६ - श्रम प्रक्रिया समय द्वारा नापी जाती है- २६६ -का द्विविध स्वरूप ३३३, ३३८ और भी देखें श्रम की उत्पादक शक्ति। श्रम उपकरण-देखें उत्पादन साधन । श्रम को उत्पादक शक्तिः - और मूल्य संबंधों में निरंतर परिवर्तन- और उत्पादन का प्रसार-२८६-२८६ -और उत्पादन का पैमाना-३१५ -और पूंजी का संचय - ३१५ -- और पूंजी के आंगिक संघटन की वृद्धि - ४४६-४५० -- उत्पाद की मात्रा को बढ़ाती है, न कि उसका मूल्य-३१५ श्रम शक्ति: - का क्रय-विक्रय, पूंजीवादी उत्पादन की बुनियादी शर्त के रूप में- २५, ३६-३८, ४२-४३, ७५, ८१, १०३, १११-११२, ३०५, ३१२, ३३६ - का मूल्य-२७, १११, ३३५-३३७ -श्रम शक्ति में और उत्पादन साधनों में निवेश का अनुपात - ३५ -माल में रूपांतरण-३८ - का क्रय-विक्रय तथा पूंजीपति और मजदूर का वर्ग संबंध-३८-३६ - का पुनरुत्पादन और श्रमिक का उप- भोग-४२, ६०-६१, ६२, १५४, १८८, ३११-३१२ - उत्पादन साधनों से श्रम शक्ति के संयोग का ढंग समाज के आर्थिक ढांचे को निर्धारित करता है-४३ - पूंजी में रूपांतरण- ४४, ८८, ११०, १८८, ३२८, ३३४-३३५, ३८५ - और मूल्य का स्वप्रसार-४४, ७५, १६३-१६४, १६७ - और खेतिहर उत्पादक का उजरती मजदूर में विकास-१११ - उसका ऐडम स्मिथ द्वारा उत्पादक पूंजी बाहर रखा जाना-१५८, १९२-१६४ - उजरती मजदूर अपना श्रम पूंजीपति को पेशगी देता है-१९६-१९७ - अनुत्पादक श्रमिक - ३६० - कृषि में श्रम शक्ति का नियोजन-३६४, ४२० और भी देखें उजरती मजदूरों की प्रारक्षित सेना। - की वृद्धि और उत्पादन तत्वों का सस्ता होना-६३ -पूंजीवादी उत्पादन प्रणाली तथा- १३३ -के परिवर्धन के तरीके - १३३ - और उत्पादन साधनों की राशि-१३३ - सृजित मूल्य के विलोम अनुपात में होती है- १४० -और माल का परिवहन - १४० और उत्पादन का सातत्य २५१