पृष्ठ:कार्ल मार्क्स पूंजी २.djvu/४९१

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विपन-निर्देशिका -स्टॉकों की प्रकृति-१५२, ३०६ - मबद्ध पूंजीपतियों के रूप में संयुक्त पूंजी कंपनियां-२१०, ४१७ -मजदार वर्ग में प्रत्यासभोग द्वारा संकटों ~ भवन निर्माता संयुक्त पूंजी कंपनियां - की व्याख्या-२६, ३६०-३६१ २१०-२११ -पंजीवार के अंतर्गत प्रत्युतादन को असंभव - संयुक्त पूंजी कंपनियां और मुद्रा बाजार - सिद्ध करने पूंजीवादी अर्थशास्त्रियों ३१६ के प्रयाग -७५ -स्टॉकों के रूप में स्वामित्वाधिकारों का -पौर उत्पादन नया उपभोग में अंतर्वि- परिचलन-१५१-१५२, १६१ रोध-७६-७७ संयुक्त राज्य अमरीका: -की अभिव्यंजना-७७ - गृहयुद्ध - १३३ - पोर माज-सज्जा का नवीकरण-१५८ - इंगलैंड को कपास का निर्यात - १३५ -नियतकालिक मंकटों का भौतिक आधार - सोने-चांदी का उत्पादन -४११ -दास प्रथा-४१६ - यार अगले ग्रावतं चक्र का भौतिक समाजीकृत उत्पादन- देखें कम्युनिस्ट समाज । ग्राधार-१७० -नीर बेकारी-२८२, समुदाय: - पीर रूस में उजरती मजदूरी-४१ - मुद्रा बाजार में संकट और उत्पादन -का माल उत्पादन-१०६, ११०, ३४० प्रक्रिया की असामान्य परिस्थितियां-२८४ - आदिम भारती समुदायों में लेखाकरण -ग्रौर मजदूरी- ३६०-३६१ पद्धति-१२७ - माधारण पुनरुत्पादन में-४०६ - आदिम समुदायों की नैसर्गिक अर्थव्यवस्था- - की संभावना और पुनछत्पादन के सामान्य ४१६ क्रम की ओर वापसी की परिस्थितियां- सहकारिता ४३३ और भी देखें पूंजीवादी उत्पादन को - और श्रम की उत्पादक शक्ति में वृद्धि - अराजकता, १३३ संकेंद्रण: - और कार्य अवधि २११ -पीर लेखाकरण की लागत- सामाजिक उत्पाद: १२७ - पूर्ति का सामाजिक संकेंद्रण - १३५-१३६ -के दो क्षेत्र- ३२५, ३४७-३५० - परिवहन उद्योग का- १४२ - मूल्य का प्रतिस्थापन और सामाजिक उत्पाद के संघटक अंशों का सार तत्व - विकसित पूंजीवाद के युग में संकंद्रण - २१०-२२६ ३४६-३४७ -पीर उधार-२११-२१२, ४३१ -का गठन-३७७ उत्पादन केंद्रों और बाजारों का-२२६ - पूंजी तथा प्राय के रूप में - ३८२ -बैंकों के रूप में द्रव्य पूंजी का-३६२- सामाजिक श्रम का विभाजन : -पार माल उत्पादन-४२-४३ संयुक्त पंजी: - और श्रम की उत्पादक शक्ति में वृद्धि - - सामाजिक पूंजी के अंश के रूप में १३३ - और कार्य अवधि-२११

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