पृष्ठ:कार्ल मार्क्स पूंजी २.djvu/९८

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

माल पूंजी का परिपथ . मा' ... सूत्र ३ में कुल सामाजिक पूंजी की गति का रूप माना जाता है अथवा वैयक्तिक प्रौद्योगिक पूंजी की स्वतंत्र गति का। परिपथ की ये सारी विशिष्टताएं हमें मात्र किसी वैयक्तिक पूंजी के अलग-थलग परिपथ के नाते उसकी सीमाओं के बाहर ले जाती हैं। मा मा' सूत्र में माल पूंजी की गति , अर्थात पूंजीवादी ढंग से निर्मित कुल उत्पाद की गति , वैयक्तिक पूंजी के स्वतंत्र परिपथ के पूर्वाधार की हैसियत से ही नहीं, वरन उसके द्वारा अपेक्षित होने के नाते भी प्रकट होती है। इसलिए यदि इस सूत्र और उसकी विशिष्टताओं को समझ लिया जाये, तो यह बताना भर काफ़ी न रहेगा कि मा' द्रा और द्र-मा रूपांतरण एक ओर पूंजी के रूपांतरण में कार्यतः निर्धारित हिस्से हैं, दूसरी ओर सामान्य माल परिचलन की कड़ियां हैं। एक वैयक्तिक पूंजी के रूपांतरणों से अन्य वैयक्तिक पूंजियों के रूपांतरणों और वैयक्तिक उपभोग के लिए उद्दिष्ट कुल उत्पाद के भाग के अंतर्ग्रथन की व्याख्या करना आवश्यक हो जाता है। इसलिए, वैयक्तिक प्रौद्योगिक पूंजी परिपथ का विश्लेषण करने पर हम मुख्यतः प्रथम दो रूपों को अपने अध्ययन का आधार बनाते हैं। मा' परिपथ पृथक वैयक्तिक पूंजी के रूप में प्रकट होता है, उदाहरण के लिए , खेती में , जहां फ़सल दर फ़सल हिसाव लगाया जाता है। सूत्र २ में प्रारंभ बिंदु है बुवाई , फ़सल कटाई अथवा प्रकृतितंत्रवादी अर्थशास्त्रियों की शब्दावली में सूत्र २ avances पेशगियों) से और सूत्र ३ reprises {प्रत्यावर्तनों से शुरू होता है। सूत्र ३ में पूंजी मूल्य की गति आरंभ से ही सामान्य उत्पादित माल राशि की गति के अंश की हैसियत से प्रकट होती है, जव कि १ और २ सूत्रों में मा' की गति किसी वियुक्त पूंजी की गति का दौर मान होती है। सूत्र ३ में बाजार में पण्य वस्तुएं उत्पादन और पुनरुत्पादन प्रक्रिया का निरंतर विद्यमान पूर्वाधार होती हैं। इसलिए यदि इस सूत्र पर ही ध्यान केंद्रित किया जाये , तो लगेगा कि उत्पादन प्रक्रिया के सभी तत्वों का उद्गम माल परिचलन है, और उनमें केवल पण्य वस्तुएं ही समाविष्ट होती हैं। यह एकांगी धारणा उत्पादन प्रक्रिया के उन तत्वों को अनदेखा कर देती है, जो माल तत्वों से स्वतंत्र हैं। चूंकि मा' मा' में प्रारंभ बिंदु समग्र उत्पाद ( समग्र मूल्य ) है, इसलिए ऐसा होता है कि ( यदि विदेश व्यापार पर ध्यान न दें, तो) उत्पादिता के स्थिर बने रहने पर विस्तृत पैमाने पर पुनरुत्पादन केवल तभी हो सकता है कि जब वेशी उत्पाद के पूंजीकृत किये जानेवाले अंश में अतिरिक्त उत्पादक पूंजी के भौतिक तत्व पहले से समाहित हों। इसलिए जहां एक वर्ष का उत्पादन अगले साल के उत्पादन के लिए पूर्वाधार का काम करता है अथवा जहां तक ऐसा साधारण पुनरुत्पादन की प्रक्रिया के साथ-साथ ही हो सकता है, बेशी उत्पाद एकसाथ ऐसे रूप में निर्मित होता है, जो उसे अतिरिक्त पूंजी के कार्य करने के योग्य बना देता है। परिवर्धित उत्पादिता पूंजी का सारतत्व ही परिवर्धित कर सकती है, उसका मूल्य नहीं ; किंतु इसके साथ वह उस मूल्य के स्वप्रसार के लिए अतिरिक्त सामग्री सृजित कर देती है। केने की Tableau économique [अार्थिक सारणियों की आधारभूमि मा' मा है। केने ने द्र ... द्र' (वाणिज्यवाद के वियुक्त और दृढ़तापूर्वक सुरक्षित जड़ रूप ) के मुकाबले यह रूप चुना, और उ उ को नहीं चुना, यह उनके महान और यथार्थ विवेक का सूचक है। i-1180