पृष्ठ:काव्य दर्पण.djvu/१५

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प्लेटो भी कहता है कि "काव्यानन्द के अधिकारी वे ही है, जो संस्कृति और शिक्षा मे महान् हैं।" __मंखक कहते है कि "परिचित मार्ग से चलने में भी जो वाणी अशिक्षित है, वह टेढ़ी-मेड़ी राह से कैसे चल सकती है ११२ अर्थात्, जो अशिक्षित हैं, वे साधारण रूप से भी काव्यरचना करने मे भटक जा सकते है। ध्वनि-व्यंग-मूलक काव्य मे तो पग-पग पर ठोकर खा सकते है। कवि को ही नहीं, पाठक और श्रोता को भी काव्यशास्त्र का ज्ञाता होना चाहिये । “साहित्य-विद्या के श्रम से वर्जित व्यक्ति कवि के गुण को ग्रहण ही नहीं कर सकते । 3 यहाँ साहित्य-विद्या काव्यशास्त्र का ही बोधक है। ऐसे तो तुक- बन्दियों और ग्राम-भावों के वक्ता और श्रोता का तो कही अभाव हो नही है । पहला आक्षेप ___एक कवि का कहना है-"यहाँ पर मै अपने ही विचार प्रकट कर रहा हूँ; इसलिए कहना अप्रासंगिक न होगा कि थोडी छन्दोरचना मेरे हाथो भी हो गयी है । तुलसीदास की तरह खुलकर नहीं; वरन् संकोच के साथ ही मुझे यहाँ कहना पड रहा है कि छन्दःशास्त्र के किसी ग्रन्थ का अध्ययन मुझसे अव तक नहीं बन पडा । रस और अलकार-जैसे कठिन विषय की जानकारी तो हो ही कैसे सकती थी, जब बिहारी-सतसई- जैसे सरस काव्य के सम्पूर्ण आस्वादन से भी अब तक वंचित रहना पडा है।" ___ हम जानते हैं कि कवि अभिमानी नहीं है; पर उसको ऐसा अभिमान होना स्वाभाविक है। प्रतिभाशाली के लिए यह सहज है। हम इसको मानते है। हमारे आचार्य भी ऐसा कहते आये है । हेमचन्द ने स्पष्ट लिखा है कि "काव्यरचना का कारण केवल प्रतिभा ही है । व्युत्पत्ति और अ यास उसके संस्कारक है, काव्य के कारण नहीं हैं।५ तथापि यह साहित्यशास्त्र पर एक प्रकार का आक्षेप है, उसकी अनावश्यकता सिद्ध करने की चेष्टा है। ____ इसपर हमारा कहना यह है कि शक्तिशाली कवि के लिए भी किसी- न-किसी रूप में शास्त्रीय ज्ञान सहायक होता है और वे उसके प्रभाव से शून्य नहीं कहे जा सकते। हम पूछते है कि उपयुक्त भाव प्रकट करनेवाला १. One man pre-eminent in virtue and education. २. अशिक्षिता या प्रकृतेऽपि मार्गे वागीहते वक्रपथप्रवृत्तिम् । ___ पदे-पदे परिवाप्नुयात् किमन्याद्विना सा स्खलितौपघातात् ।।-श्रीकण्ठचरित्र ३. कुण्ठत्वमायाति गुणः कवीनां साहित्यविद्याश्रम वर्जितेषु |-विक्रमांकदेवचरित ४. 'सरस्वती', अप्रल, १९४३ ५. प्रतिमेव च कवीना काव्यकारणकारणम् । व्युत्पत्यभ्यासौ तस्या एव संस्कारकारको नतु काव्यहेतु-काव्यानुशासन