कोड स्वराज
नवंबर में मेरा प्रमुख काम कोर्ट के मामलों को देखना था। सबसे पहले भारत के मामलों को देखना था। हमने दिसंबर 2015 को दिल्ली उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की थी। भारत में, आम तौर पर एक साथ दो पक्षों के खिलाफ मुकदमा दायर किया जाता है। इस मामले में भारतीय मानक ब्यूरो और स्वयं भारत सरकार पर मुकदमा किया गया था। ब्यूरो जवाब देने में नाकाम रहा था, लेकिन न्यायालय के कहने पर उन्होने जून 2016 में हमारी याचिका का जवाब दिया। हालांकि, केंद्र सरकार बार-बार जवाब देने में नाकाम रही। वे न केवल जवाब देने में असफल रहे, बल्कि वे न्यायालय भी नहीं आए।
निशीथ देसाई के फर्म के वकीलों ने उनका ऐसा व्यवहार पहले कई बार देख चुके थे। वे हर बार न्यायालय आते थे और पता चलता था कि सरकार की तरफ से कोई नहीं आया है। वास्तव में, पहले तो ब्यूरो से भी कोई नहीं आया था। मुझे याद है कि ऐसी स्थिति होने पर भारत से मेरे लिए फोन आया था। वकीलों ने मुझे बताया कि दूसरी तरफ से कोई व्यक्ति आया था। जब कोर्ट ने उससे पूछा कि वह बीआईएस या केंद्र सरकार किसका प्रतिनिधित्व कर रहा है, तो वह उत्तर देने में नाकाम रहा अतः उसे यह जानकारी प्राप्त करने के लिए वापस भेजा गया कि वह किसका प्रतिनिधि है।
एक और सनवाई 13 नवंबर को हुई। चौथी बार केंद्र सरकार को जवाब देने के लिए बलाया गया था। जाहिर है कि चार जादुई संख्या है। कोर्ट ने फैसला सुनाया कि ब्यूरो का जवाब, केंद्र सरकार के जवाब के रूप में भी काम करेगा और 27 फरवरी, 2018 की तारीख को,मौखिक तर्क के लिये निश्चित किया गया ओर उसका आदेश दिया गया। यह रोमांचक था। दो साल की कागजी कार्रवाई और प्रक्रियाओं के बाद, हम अपने मामले में, विषय की महत्ता के आधार पर न्यायालय में सुनवाई के लिए प्रस्तुत होने वाले थे।
उसी दोपहर को मैं दूसरे मामले के लिए अटलांटा, जॉर्जिया के लिये विमान से निकल पड़ा। इस मामले में जॉर्जिया राज्य ने मुझ पर “एक प्रकार का आतंकवाद” करने का आरोप लगाया था क्योंकि मैंने बिना किसी शुल्क के, सभी के पढ़ने के लिए इंटरनेट पर जॉर्जिया के ऑफिशियल कोड को पोस्ट किया था। राज्य को ऐसा लगा कि उनके कॉपीराइट का उल्लंघन हुआ है। मैंने जॉर्जिया विधानसभा के अध्यक्ष को कई पत्र भेजे, जिसमें यह बताया कि संयुक्त राज्य अमेरिका में कानून पर कोई कॉपीराइट नहीं है क्योंकि कानून पर लोगों का आधिपत्य है। मेरे स्पष्टीकरण से अधिकारियों पर कोई ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा।
हमें यह जान लेना चाहिए कि जॉर्जिया विधायिका की कोई भी विधि (एक्ट) इन शब्दों से शुरू होती है: “एक विधिः जॉर्जिया के ऑफिशियल कोड को संशोधित करने के लिए एक अधिनियम।” जॉर्जिया का केवल एक ही आधिकारिक कानून है और वह यह है। कॉपीराइट का अधिकार राज्य के नाम पर था। यह उस स्थान का कानून था। यह मेरे विचार में, यह सरकार का फ़रमान था।
राज्य का कहना था कि उन्होंने जॉर्जिया ऑफिशियल कोड के टीकाकरण (ऐनोटेटेड) के लिए विक्रेता का इस्तेमाल किया था। हालांकि उन्होंने यह स्वीकार किया कि कानून पर
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