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कोड स्वराज पर नोट

मैं सरकार के कामों की उपेक्षा क्यों कर रहा था?

मैंने अपने दिन, गांधी जी के बारे में इकट्ठा सामाग्री को देखने में, 6000 अमेरीकी सरकारी फिल्मों को संग्रहित करने में, आधिकारिक राजपत्रों को पढ़ने में बिताए। लेकिन इन कामों में कोई ऐसा काम नहीं था, जो मुझे करना चाहिए था। इसके बजाय मुझे अमेरीकी सरकार के कामों पर अपनी शोध के परिणामों को प्रकाशिक करना चाहिए था।

अमेरीका में, और अधिकांश राष्ट्रीय कॉपीराइट सिस्टम के साथ, उन चीजों की एक सूची है, जिन्हें कॉपीराइट नहीं किया जाता है। अमेरीका में, अपवादों में सबसे उल्लेखनीय है, अमेरीकी सरकार का काम, जो अमेरीकी संघीय कर्मचारियों या अधिकारियों द्वारा उनके आधिकारिक कर्तव्यों के दौरान किये गये हैं। इस अपवाद के पीछे का उद्देश्य यह है कि कर्मचारी, जनता के सेवक है। जनता कर्मचारियों को वेतन देती हैं और उनके काम का उत्पाद उनके नियोक्ता, अर्थात् जनता का है। यह एक सरल और शक्तिशाली अवधारणा है।

सरकार का काम है कि वह पता लगाए कि 1990 के दशक के प्रांरभ से पेटेंट एंड सिक्यॉरिटी एंड एक्सचेंज डेटाबेस को सरकार राजस्व के स्रोत के रूप में उच्च कीमत पर कब और क्यों बेच रही थी जब कि मैं उन डेटाबेसों को मुक्त करने में सक्षम था। डेटाबेस को खरीदने के लिए प्रति वर्ष कई सौ हजार डॉलर का खर्च करने पड़ते हैं। मैं इतना पैसा जमा कर पाता तो मैं इसे खरीद लेता। जब मेरे पास डेटा है और उस पर किसी भी प्रकार का कॉपीराइट नहीं है तो उसे मैं इंटरनेट पर डाल सकता हूँ।

विडंबना यह है कि जिस तरह से मैंने इन सरकारी दस्तावेज़ो को अमेरिकी सरकार से खरीदा ताकि मैं इसे लोगों को बाँट सकें, तो ऐसा करने के लिये मेरे पास केवल एक ही रास्ता है कि मैं सरकार के अन्य अंग, नेशनल साइंस फाउंडेशन (एनएसएफ) से अनुदान के लिए आवेदन करूं। एनएसएफ ने, उस समय के दौरान इंटरनेट के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और अभी इसके डिविजन डायरेक्टर, स्टीफन वॉल्फ जो एक बहादुर व्यक्ति थे, उन्होंने मुझे यह अनुदान दिया।

जब इस नई परियोजना के बारे में खबर फैली, तो शक्तिशाली ‘हाउस एनर्जी’ कमेटी के अध्यक्ष डिंगेल ने नेशनल साइंस फाउंडेशन को एक तीखा पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने पूछा था कि वे इस जानकारी को बांट कर, निजी क्षेत्र के साथ प्रतिस्पर्धा क्यों कर रहे हैं। न्यूयार्क टाइम्स में छपे उप राष्ट्रपति गोरे के बयान के बाद ही ऐसा हुआ था, जिसमें उन्होंने कहा था कि “यह अमेरिकी जनता के लिए एक बड़ी जीत” और अब चीजें सही हो गई थी। उस दिन के बाद से मैं अल गोरे का हमेशा प्रशंसक रहा हूँ।

मानकों को ऑनलाइन रखने के अपने काम के दौरान, मैंने देखा कि संघीय कर्मचारियों ने इन महत्वपूर्ण सुरक्षा कानूनों को बनाने में काफी योगदान दिया है, फिर भी निजी मानक निकाय उन पर कॉपीराइट का दावा करती हैं। यही प्रचलन, अन्य विद्वावतापूर्ण प्रकाशनों (स्कोलरली पब्लिकेशन) में भी, अधिक व्यापक रूप से होता है। कानून के बारे में मेरे काम की वजह से, मैंने राष्ट्रपति ओबामा के विद्वतापूर्ण कार्यों पर नजर डाला है और ‘हार्वर्ड लॉ रिव्यू' में प्रकाशित उनके एक लेख को ध्यान से पढ़ा है। मुझे यह अजीब लग रहा था कि

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