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कोड स्वराज

द्वारा ही दिखाया जाना चाहिए था। और उसने मुझ पर आरोप लगाया कि मैंने नेशनल पार्क सर्विस (National Park Service) से पैसे लेकर इसे ऑनलाइन पर डाल दिया है।

मैंने क्लोजिंग क्रेडिट्स को बहुत ध्यान से पढा, जिसमें कहा गया था कि इसका निर्माण और निर्देशन गुगेनहेम द्वारा किया गया है और इसकी “प्रस्तुति” नेशनल पार्क सर्विस (National Park Service) द्वारा की गई थी। मैंने कॉपीराइट स्कूल के निर्देश का पालन किया और पूरा वीडियो यू-ट्यूब और इंटरनेट आर्काइव से हटा लिया और अपनी गलतफहमी के लिए माफी मांगी। लेकिन मैं इसे लेकर बहुत परेशान रहा।

मैंने देखा कि गुगेनहेम प्रोडक्शंस, अमेज़ेन पर इस वीडियो को बेच रहा था, इसलिए मैंने खुद इसकी एक कॉपी मंगाई और इसे नेशनल अकइव में डेविड़ फरेरों को भेजा। उन्होंने शायद इसे मोशन पिक्चर डिवीजन को भेजा, क्योंकि लगभग एक सप्ताह बाद मुझे सीनियर आर्कविस्ट से एक नोट प्राप्त हुआ। उन्होंने, नेशनल पार्क सर्विस (National Park Service) और फिल्म निर्माता के बीच हुए कान्ट्रैक्ट की एक प्रति संलग्न की जिसमें साफ लिखा था कि यह काम मेहतनामा देकर कराया गया है, अतः फिल्म निर्माता का उस काम पर कोई अधिकार नहीं होगा। सिर्फ इतना ही नहीं, जैसा कि मैं जानता हूँ, इस फिल्म बनाने के लिए निर्माता को टेक्सपेयर फंड से 3,25,000 डॉलर दिए गये थे और इस फिल्म बनाने की मदद में उसे अमेरिकन एक्सप्रेस से गिफ्ट भी मिले थे। वे इसे आमेजन पर भी बेचते हैं और वे इस पर कॉपीराइट का दावा कर रहे थे और इस प्रक्रिया से मिली आमदनी को हजम कर रहे थे।

दूसरे शब्दों में, उन्होंने मुझे जो टेकडाउन नोटिस भेजा था वह मान्य नहीं था। इस पर कोई कॉपीराइट नहीं था। य-ट्यब के द्वारा उनके प्रारंभिक टेकडाउन स्वीकार करने के पहले निर्माताओं ने पेनल्टी ऑफ पर्जुरी के अंतर्गत शपथ में कहा कि फिल्म के वास्तविक स्वामी वही थे। उन्होंने शपथ ली कि यदि उन्होंने झूठा टेकडाउन नोटिस भेजा, तो उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। यह दावा करने के लिए कि मैं कॉपीराइट का पालन नहीं कर रहा हूँ उनको पांच चेकबॉक्स जांचने पड़े थे। वे मुर्खतापूर्ण काम कर रहे थे और वे मुझे अपराधी बताकर मेरे लिए कई समस्याओं का कारण बने, जो मुझे बिलकुल अच्छा नहीं लगा।

मुझे उस कान्ट्रैक्ट को भेजने के अलावा नेशलन अर्काइव ने कहा कि वे मुझे एक हाई डेफिनीशन वीडियो फाइल भजेंगे। मैंने यु-ट्यूब और इंटरनेट अर्काइव की मदद ली, नेट पर दोबारा गया, आमेजन डीवीड़ी ली और उसे पोस्ट किया। नेशनल अर्काइव से आने वाली डिस्क ड्राइव 163 गीगाबाइट की थी और वीडियो 28 मिनट की थी। यह वीडियो काफी अच्छी गणवत्ता की थी। मैंने उसे पोस्ट कर दिया। मैंने अनकम्प्रेस्ड हाई-डेफिनीशन वीड़ियों से 276 स्टिल चित्रों को निकाला और इन्हें कॉपीराइट-फ्री स्टॉक फूटेज के तौर पर, फ्लिकर पर पोस्ट किया। सामाग्री का नया और रोचक प्रयोग देखकर नेशनल अर्काइव के स्टॉफ प्रसन्न हुए। मैं लगातार नेशनल अर्काइव के साथ काम कर रहा हूँ, जिन्होंने मुझसे कहा कि वे मुझे ऐसे और रेफरेंस प्रिंट्स उपलब्ध कराएंगे, जो उन्होंने फिल्मों से डिजिटलाइज किए हैं।

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