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कोड स्वराज पर नोट

गांधीजी ने एक उत्तर दिया था। हो सकता है कि यह सही उत्तर न हो, नि:संदेह यह सिर्फ इकलौता उत्तर नहीं था। लेकिन यह सुसंगत उत्तर था और यह उनकी, इस बात के बारे में पहली संपूर्ण अभिव्यक्ति थी कि मौलिक परिवर्तन, विश्व में कैसे लाया जा सकता है। वे यह लगातार कह रहे थे, उसे पुनः दुहरा रहे थे कि यह परिवर्तन कैसे होने चाहिए। उनके लेखन के 100 खंडों का संकलित कार्य यह दर्शाता है कि उनके विचार किस तरह विकसित हुए। लेकिन मेरे लिए, ‘हिंद स्वराज हमेशा मेरे पुस्तक की अलमारी में विशेष स्थान प्राप्त है क्योंकि यह हमें, एक छपे पुस्तिका के जरिये मजबूत संदेश देता है। यह पुस्तिका की शक्ति को दर्शाता है और यह भी बताता है कि क्यों प्रत्येक व्यक्ति को अपने विचारों को प्रसारित करने लिये एक मुद्रक होना चाहिये।

मैंने जब पहली बार हिंद स्वराज पुस्तक पढ़ा तो मेरे दिमाग में “कोड स्वराज (Code Swaraj)” शब्द गुर्जाने लगा। हिंद स्वराज का विचार और भारतीयों का स्वशासन (सेल्फ रूल), दोनों ही विचार स्पष्ट लक्ष्यों पर केंद्रित हैं। ये बहुत आकांक्षापूर्ण थे लेकिन इनमें कुछ प्राप्त करने योग्य भी थे। कुछ खरी वास्तविकता थी। कुछ ठोस ध्येय था। यह स्वतंत्रता की लड़ाई के मुख्य प्रतीकों में एक था। शब्द महत्वपूर्ण होते हैं और “हिंद स्वराज” शब्द, लोगों ने जैसे ही सुना उनके लिए यह विशिष्ट अर्थ का हो गया। यह शब्द किसी बड़े कार्य का संकेत बन गया, एक सामूहिक लक्ष्य के रूप में।

गांधी जी ने हमें दूसरे सिद्धांतों से भी परिचित कराया है। सत्यग्राह एक संघर्ष है लेकिन यह कोई लघु घुमावदार संघर्ष नहीं है कि जो किसी भी अच्छे ध्येय के खिलाफ किया जाय। सत्याग्रह एक विशिष्ट संघर्ष है जिसे किसी ठोस लक्ष्य के लिये किया जाता है, जैसे कि एक विशेष अधिनियम की अवज्ञा करके नमक बनाना।

सत्याग्रह के लिए गहन तैयारी की आवश्यकता होती है। लोगों को मुद्दे के विषय में सस्वयम को शिक्षित करना पड़ता है। एक सत्याग्रह के लिए नैतिक आधार जरूरी हैं। गांधी जी ने। जब समुद्र तट तक जाने के लिये कूच किया तो उन्होंने इसके पहले, अपने इरादे की सूचना वायसराय को दी। सत्याग्रह अपने लक्ष्य पर केंद्रित होनी चाहिए, और एक बार जब लक्ष्य प्राप्त हो जाय तो उन्हें उस लक्ष्य को और आगे बढ़ा नहीं देना चाहिए। जीत की घोषणा के बाद, लोगों को अन्य मुद्दों पर आग्रसर हो जाना चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि किसी भी सत्याग्रह अभियान को, एक बहुत बड़े लक्ष्य के संदर्भ में करना चाहिए, जैसे कि स्वराज की प्राप्ति।

गांधी जी के ये उपदेश दक्षिण अफ्रीका को, और भारत को भेजे गये। ये उपदेश गांधी जी के माध्यम से, मंडेला और केनियट्टा और न्क्रूमाह तक पहुंचे और पूरे अफ्रीका में फैल गये। गांधी जी के ये उपदेश किंग तक, और अमेरिका में नस्लभेद के विरूद्ध की लड़ाई तक फैले। इन उपदेशों ने विश्व को बदल दिया।

कोड स्वराज, एक प्रतीक और एक लक्ष्य के रूप में

मेरे लिए कोड स्वराज का अर्थ है कि हमारी नियमों की पुस्तकें खुली और करमुक्त उपलब्ध होनी चाहिए। इंटरनेट ने विश्व को बदल दिया है और इसने विश्व को, ओपन सोर्स सोफ्टवेयर

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