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कोड स्वराज पर नोट

जब मैं कैलिफोर्निया वापस आया, तो मैंने पारंपरिक ज्ञान और जैविक लूट (बायोपायरेसी) से संबंधित पुस्तकें खरीदी और इसकी शुरुआत वंदना शिवा के अभूतपूर्व कार्यों की पुस्तक से की। मैंने प्राचीन चिकित्सा के कुछ संस्कृत विद्वानों को नोट भेजे, जो पब्लिक लाइब्रेरी ऑफ इंडिया के सक्रिय उपयोगकर्ता थे और मैंने उनसे पूछा कि उनकी इसके बारे में क्या राय है। पारंपरिक ज्ञान पर पेटेंट के बारे में मैंने कई पुस्तकों से आयुर्वेदिक दवाओं और बौद्धिक संपदा का इतिहास पढ़ा।

दो चीजों ने मुझमें कौतुहल उत्पन्न कर दिया। पहला, दर्शन शंकर ने मुझे 13 सीडी भेजी, जिन्हें वे “मेडिसिनल प्लान्ट इन होमियोपैथी (Medicinal Plants in Homeopathy” और “मेडिसिनल प्लान्ट इन केराल (Medicinal Plants of Kerala)” के शीर्षक से बेचते हैं। प्रत्येक सीडी में साधारण डेटाबेस इंटरफेस था। इसमें पौधों के तस्वीरों के साथ कुछ। मूलपाठ, संकेत शब्द (की वड्स और अन्य सामग्री शामिल थे। इस सीडी को देखकर ऐसा लग रहा था कि इन सब सामग्री को अच्छे इंटरनेट इंटरफेस में आसानी से बदला जा सकता हैं।

दूसरी बात जो मुझे परेशान कर रही थी, वह था ट्रेडिशनल नॉलेज डिजिटल लाइब्रेरी नामक सरकार का बड़ा प्रयास। इस सिस्टम को अनेक वर्षों में बनाया गया है जिसमें 150 किताबों को बड़ी मेहनत से अनुलेखन किया गया, और फिर एक डेटाबेस में 2,97,183 पारंपरिक आयुर्वेदिक और यूनानी फार्मूलेशन को सम्मिलित किया गया। प्रख्यात विशेषज्ञों ने लेखों का चयन किया है और मैं यह कह सकता हूं कि यह डेटाबेस पारंपरिक ज्ञान के आयुर्वेदिक फार्मूलेशन के कोड़ की कला को दर्शाता है। पर इसमें भी एक पेंच है। यह डेटाबेस जनता के लिए उपलब्ध नहीं है और यह केवल पेटेंट परीक्षकों के लिए ही उपलब्ध है।

मैं लंबे समय से यू.एस. पेटेंट सिस्टम को लेकर चिंतित हूँ। मुझे ऐसा लगता है कि अब तक जो भी “बिजनेस के तरीके (Business Methods)” और “साफ्टवेयर” पेटेंट हुए हैं, उनसे लाभ होने के बजाय हानि ज्यादा हुई है और ये ज्यादा नवीन या अद्वितीय भी नहीं है। मैंने वर्ष 1994 में यू.एस पेटेंट डेटाबेस को इंटरनेट पर डाला था। मैंने पेटेंट की प्रक्रिया को समझने में काफी समय बिताया है। साथ ही उन लोगों से बात की है, जो अपने दैनिक कार्य में पेटेंट का इस्तेमाल करते हैं। वास्तव में, जब पहली बार मैंने पेटेंट डेटाबेस को इंटरनेट पर डाला, तो मेरे सबसे उत्साही उपयोगकर्ताओं में से कुछ यू.एस. पेटेंट एंड ट्रेडमार्क ऑफिस में काम करते थे। उन्हें कार्यालय में खराब और पुरानी सर्च करने की सुविधाएं प्रदान की गई थी और वे अपने शोध के लिए मेरे सिस्टम का उपयोग करने मेरे घर आते थे।

व्यापारिक तरीकों और सॉफ्टवेयर पेटेंट की बढ़ती संख्या के अलावा, दवाओं से संबंधित इसी तरह के मुद्दे सामने आए हैं। विशेष रूप से, यू.एस और यूरोपीय पेटेंट कार्यालयों ने बहुत अधिक संख्या में संदिग्ध पेटेंट जारी किए हैं। इससे भारत, अफ्रीका और कई अन्य जगहों पर, जहाँ दैनिक जीवन में इन पारंपरिक ज्ञान का उपयोग करने का गहन इतिहास रहा है जन आक्रोश की लहर दौड़ गई है।

सबसे प्रसिद्ध पेटेंट हल्दी का था। हल्दी लंबे समय तक घावों के उपचार सहित कई चिकित्सा के गुणों के लिए जाना जाता है। दो अमेरिकी शोधकर्ताओं ने “हल्दी पाउडर और

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