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कोड स्वराज

समाधान निकालेगी। आपको केवल इसे ऑनलाइन करना है - लोग कम से कम डेटा का तो निरीक्षण तो कर सकते हैं, भले ही वे किसी और पर विश्वास न करें।

केवल एक समस्या है। यदि आप नियामकों पर विश्वास नहीं कर सकते हैं, तो आप डेटा पर विश्वास करने के बारे में कैसे सोच सकते हैं?

डेटाबेस तैयार करने की समस्या यह नहीं है कि उसे पढ़ना कठिन होता है, बल्कि यह है कि उसकी ठीक से विवेचना नहीं की जा सकती है और ना ही उसे अमल किया जा सकता है,और इसमें वेबसाइट से भी कोई मदद नहीं मिलती है। क्योंकि इसके सत्यापन की जाँच । करने का कोई प्रभारी नहीं होता है इसलिए पारदर्शिता वाली डेटाबेस में दी गई अधिकांश बातें झूठी होती हैं। कभी-कभी वे इतनी भंयकर झूठ होती हैं, जैसे कुछ कारखाने कार्यस्थल पर लगने वाली चोटों के बारे में अपने पास दो खाते रखते हैं। जिनमें से एक सही होता है। जिसमें प्रत्येक चोट की घटना को दर्ज किया जाता है, और दूसरा सरकार को दिखाने के लिए होता है जिसमें केवल 10% चोटों की घटनाओं को दर्शाया जाता है। उन्हें और भी चालाकी से दिखाया जाता है : कुछ फार्म तो गलत तरीके से भरे रहेंगे, कुछ में टाइपिंग । गलत किया रहेगा, या कुछ डेटा को इस तरीके से बदल दिया गया होगा कि उसे फ़ॉर्म में दर्शाया ही न जा सके। इन डेटाबेसों को पढ़ने के लिये सरल बनाने का परिणाम हो जाता है। इन्हें सरलता से पढ़ने योग्य बनाना, पर केवल झूठी बातों का।

तीन उदाहरण:

• कांग्रेस के कामकाज जनता को देखने के लिए खुले हैं, लेकिन यदि आप सदन की मंजिल पर जाते हैं (या यदि आप इन पारदर्शिता साइटों में से किसी एक पर जाते हैं) तो आप पाते हैं कि वे अपने सभी समय बिताते हैं, डाकघरों के नाम देने पर। सभी वास्तविक कार्य, आपातकालीन प्रावधानों के माध्यम से पारित किये जाते हैं, और किसी साधारण बिलों के उप-भागों में छुपे रहते हैं। (बैंक को बचाने का कार्य, पॉल वेल्स्टोन के मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम के अन्दर रखा गया था। मैट टैब्बी (Matt Taibbi) की ‘द ग्रेट डिरेंजमेंट' (स्पाइजेल एंड ग्राऊ) इस कहानी को बताती है।

• इन साइटों में से कई साइटें आपको यह बताते हैं कि आपके निर्वाचित आधिकारिक कौन हैं, लेकिन आपके निर्वाचित आधिकारिकों का वास्तव में क्या प्रभाव पड़ा है इसके बारे में कुछ नहीं रहता है? 40 वर्ष तक, न्यूयॉर्क के लोगों ने यह समझा था कि उन्हें अपने निर्वाचित अधिकारीगण - नगर परिषद, महापौर, गवर्नर द्वारा शासित किया गया था। लेकिन रॉबर्ट कैरो ने ‘द पावर ब्रोकर (विंटेज)' में बताया कि, वे सभी लोग गलत थे। न्यूयॉर्क में शक्ति केवल एक ऐसे व्यक्ति द्वारा नियंत्रित था, जो हर बार चुनाव में असफल रहा, ऐसा व्यक्ति जिसके बारे में किसी को भी मालुम नहीं था कि उसके पास पूरा नियंत्रण है; और वह व्यक्ति था पार्को का आयुक्त, रॉबर्ट मोज़ेज़।

• इंटरनेट पर बहुत सारी साइटें आपको यह बताएगी कि आपके प्रतिनिधि को

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