कोड स्वराज, आधुनिक समय के नागरिक प्रतिरोध के अभियान की एक कहानी है,
जो महात्मा गांधी और उनके सत्याग्रह के अभियानों से प्रेरणा लेती है, जिसने सरकारों
का अपने नागरिकों के साथ बातचीत करने का तरीका बदल दिया। ज्ञान की सार्वभौमिक पहुंच, सूचना का लोकतांत्रिककरण और स्वतंत्र ज्ञान की खोज में, मालामुद और पित्रोदा गांधीवादी मूल्यों को, आधुनिक समय पर लागू करते हैं और
भारत और दुनिया में परिवर्तन लाने के लिए एक दमदार एजेंडा पेश करते हैं।
डॉ. सैम पित्रोदा, भारत के दो भूतपूर्व प्रधानमंत्री, श्री.राजीव गांधी और डॉ.मनमोहन
सिंह के सलाहकार रह चुके हैं जिन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त था। इन्हें वर्ष 1980
के दशक में, भारत की दूरसंचार क्रांति का नेतृत्व करने का श्रेय व्यापक रूप से दिया
जाता है। सैम के पास 20 सम्मानीय पी.एच.डी, 100 विश्वव्यापी पेटेंट हैं, और उन्होंने
वर्ष 1960 में पहला डिजिटल पी.बी.एक्स (PBXs) के निर्माण करने में सहायता की
थी। वे आन्ट्रप्रेनर भी हैं, जिन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका में विभिन्न प्रौद्योगिकी कंपनियों
की संस्थापना की।
कार्ल मालामुद ने इंटरनेट पर सबसे पहले रेडियो स्टेशन की शुरूआत की और इन्हें
मॉर्डन यू.एस. ऑपन गर्वमेंट मूवमेंट के एक अग्रदूत के रूप में जाना जाता है। कार्ल
Public.Resource.Org नामक एक गैर-लाभकारी संगठन का संचालन करते हैं, जो
नि:शुल्क और असीमित प्रयोग के लिए सरकारी सूचना के लाखों दस्तावेजों को
इंटरनेट पर उपलब्ध कराया है, जिसमें सभी 19,000 भारतीय मानक भी शामिल हैं।
उन्होनें इससे पहले आठ किताबें भी लिखी हैं।