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कोड स्वराज

किया। यदि आज गांधीजी जिंदा होते तो वे कह सकते थे कि प्रतिदिन ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर की कोडिंग करना, ब्रेड लैबर की तरह है। वास्तव में ऐसा ही है। यह मानवीय श्रम है और यह आपकी दुनिया को बेहतर बना सकता है। इससे आप वास्तविकता में कुछ कर रहे होंगे।

गांधी ने जो दूसरी चीज हमें बताई है वह सार्वजनिक कार्य से संबंधित है। जिसपर हमें अपना कुछ समय जरुर बिताना चाहिए - किसी व्यवसाय में होना अच्छा होता है, पैसे कमाना अच्छा है। लेकिन यदि हम अपनी सरकार चाहते हैं जैसा हम लोकतंत्र में करते हैं - तो हमें उसका महत्वपूर्ण हिस्सा बनना होगा।

जो भी मानक मैंने प्रकाशित किया है उन पर एक कवर शीट थी। उस पर हाथियों के चित्र थे और उस पर ‘लोगो’ भी था, और अन्य आभूषण थे। लेकिन उसके नीचे नीति शतकम् का उद्धरण था और जिस पर लिखा था कि “ज्ञान एक ऐसा खजाना है जिसे कोई चुरा नहीं सकता।” मैं इससे पूरी तरह से सहमत हूँ। ज्ञान को साझा करना चाहिए और मुझे ऐसा लगता है कि यही हमारा मौका है। इसलिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद। अब यदि आप लोगों के कुछ सवाल हैं तो बताएं, मैं और सैम उसका जवाब देने की कोशिश करेंगे।

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