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गणेश वेङ्कटेश जोशी, बी० ए०
उसमे सचाई और न्यायशीलता को कभी हाथ से नहीं जाने दिया। इनकी न्यायनिष्ठा बड़ी ही प्रबल थी। कौंसिल मे इनके कार्य-कलाप से प्रसन्न होकर ही गवर्नमेंट ने इन्हे राव-बहादुर बनाया था। धन्य है वह पुरुष जो राजा और प्रजा दोनो का कृपापात्र और विश्वास-भाजन हो।
जोशीजी के मरने पर माननीय मिस्टर गोखले आदि, पूने के प्रतिष्ठित जनों, ने सभा करके शोक-प्रदर्शन किया। अब जोशीजी की स्मृति-रक्षा का प्रबन्ध हो रहा है।
[सितम्बर १९११