पृष्ठ:क्वासि.pdf/१०१

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मनुहार टुक रो लेने दो तनिक देर, बयों छेड रहे हो बेर र? छेड़ा न, रच रो लेने दो, मेरे मनमी हो लेने दो, हिचकियाँ उठ, रोको न इ है, जल से लोचन धो लेने दो, यह तारतम्य मत दो बिखेर, टुका रो लेने दो तनिक देर । P मे रो लूगा चुपके चुपके, हग धो लूगा चुपके चुपके, कोई न कभी सुन पायेगा, बेठा हूँ कोने में छुपके, कुछ मत पूछो तुम घेर धेर, टुक रो लेने दो तनिक देर । ३ बहती है दें गोल गोल, भीगे है ये दोनों पोल, सचित सुमनोरथ भाग च ।, - हग के वातायन गोर खोत, पिचहत्तर