पृष्ठ:क्वासि.pdf/१०७

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छासि मरी मुग्धा यया परिधि गत हुई—उसे नि सीम बना दो, मुक्त करो, शिय, मुक्त करो मम करणा-वीणा के ये सुस्तर, भर दा, प्रिय, भर दो न तर तर। प्रतापप्रस दिनाक २४ १११ } इक्यासी