पृष्ठ:क्वासि.pdf/१६

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पलायनवादी, प्रतिक्रियावादी स्वार्थी की मानस सन्तान हो। तुम समझौता- वादी हो। उपनिषत् का जो जघन्य समझौतावादी दर्शन है-वह नपुंसक, नरू-दन्त तोड़ डालने की शिक्षा देने वाला जो कायर दर्शन है—उसके तुम अनुयायी हो। हट जायो मेरे सम्मुख से । नहीं तो मैं तुम्हें अभी अपने प्रगतिवादी तप के बल से भस्म कर दूंगा। इस प्रकार की आलोचना-वृत्ति हिन्दी में चल रही है। मेरा केवल इतना निवेदन है कि इस प्रकार के प्राग्रह से हिन्दी में इन लोगों की मनचाही प्रगतिशीलता का श्राविर्भाव नहीं होगा। प्रगतिवादी बन्धुओं की प्रगति- शीलता, जैसा मैं कह चुका हूँ। वास्तव में प्रतिगामिता है। इस प्रकार के जड़वाद को हिन्दी संसार नहीं अपनायेगा। मानव को उन्नत, बन्धन-सुक्क करना, मानव समाज को भेड़ियों के समाज से भिन्न स्थिति प्रदान करना, यह सब का लक्ष्य है। पर, अदि कोई यह कहे कि राग, द्वेष, घृणा और हिंसा वृत्ति को उभारने से ही उस प्रकार के समतावादी समाज का निर्माण हो सकेगा, तो लेरा निवेदन है कि ऐसी मान्यता ऐतिहासिक और वर्तमान मानव समाज के घटना-क्रम के विरुद्ध है। मार्क्स और एंगल्स ने यह सिद्धान्त प्रतिपादित किया था कि श्रेणीबद्ध समाज में कोई कला ऐसी हो ही नहीं सकती जो प्रत्यक्ष या गौण रूप से किसी श्रेणी विशेष के हितों को प्रतिबिम्बित न करती हो। इस सिद्धान्त को लेनिन ने और भागे पश्चिर्द्धित किया। लेनिन ने यह सिद्ध किया कि चूं कि वर्ग समाज की सम्पूर्ण कला स्वभावतः पक्षावलम्बी ( Partisan ) होती है, इसलिए श्रमिक समाज की कला को भी पक्षावलम्बी होना चाहिए। उन्होंने इस प्रकार के पक्षपात का बड़ा गम्भीर विवेचन किया। सन् १६०५ में उन्होंने एक लेख लिखा था जिसका शीर्षक था "दल-संगठन और दल-साहित्य" (Party Organisation and Party Literature)। लेनिन ने बतलाया कि पक्षाव लम्बन (Partisanship) का अर्थ क्या है । जब वर्ग भेद तीव्रतापूर्वक आगे बढ़ रहा हो तन्त्र प्रत्येक कलाकार को अपनी वर्ग-मैत्री या वर्ग-लगाव को स्पष्टतः प्रकट करना होगा और उस (वर्ग) संघर्ष में अपना निश्चित स्थान ग्रहण करना होगा। लेनिन अागे कहते हैं : "To offset Bourgeois custom, io offset the commercial Bourgeois press, to offset Bourgeois literary cereerism and profit-seeking, the Socialist Proletariat musz put forward the principle of Partisan Literature, must develop tbis pripciple and carry it out in the