पृष्ठ:क्वासि.pdf/३२

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क्वालि क्यों नहीं पहुँचा वहाँ तक निरत मेरा ध्यान ? रे कवि, लिख विरह के गान ! 2 आज इस धूमिल घड़ी में कौन यह सन्देश लाया : साँझ आई, किन्तु उनका राज-रथ अब तक न आया । ढीठ मन यह पूछता है क्यों उन्हें अब तक न पाया ? क्या बताऊँ क्यों नहीं आए सजन रसखान ? रे कवि, लिख विरह के गान । पाँच