पृष्ठ:क्वासि.pdf/८३

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ओ प्रवासी ओ प्रवासी, घूमकर यां देखते हा कौनसा यल ? कौनसो स्मृति जग उठी १ हिय में मची वयों नाज हले चल ? ? झूलता है नाम जिसका श्वास के हिण्डोल में नित, गूंजता जो प्राण वशी के अबोले बोल में नित, याद जिसकी हे नयन यमुना सहर कल्लोल में नित, आज क्या उसका स्मरण आया तुम्हें, नो पथिक चचल ? ओ प्रवासी, घूमकर यों देखते हो कौनसा यल ? २ कौन बैठा है तुम्हें यों याद करने, ओ प्रवासी ? क्यों समझते हो कि तुम भी हो किसी के हिय निवासी ? याद है जब खीझकर डाने तुम्हें दी थी बिदा सी? नेह के भूसे पियासे, तुम बने क्यों बिसुध, बेकल । कानसी स्मृति जग उठी है ? आज क्यों है हृदय वञ्चल ? ३ क्या सजन की खिड़कियों की याद तुमको अाज आई ? था कि उनकी झिडकियों की याद ने स्मृति रति सताई ? सन्तावन