पृष्ठ:क्वासि.pdf/९७

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दिग्-भ्रम गाफिल , किस नीहड में भटका ? र, गाफिल , क्सि बीहड में भटका ? प्रदेश में फिर न हठीले, यहाँ बडा है खटका । गाफिल, किस बीहड म भटका ? कितनी मंजिल ते कर आया ? कितनी दूर टिकाना ? श्राखें कहाँ छोड आया तू? किस दुविधा म गाफिन, किस बीहड में भटका ? अटका 3 पगडडी खोज अकुलाया, चाराना महाकाल ने पदचिह्नों को विकट गले में गटका गाफिल, किस बीहड म भटका ? चियामान, सुनसान, मान, मान जा, री, अभी लौट जा, बढ मत आगे,-हे यह पथ सकट का। गाफिल, किस बीहड म भटका ? सूखे ओठ, गला चिटका, मुस्त्र लटका, पारा पियासे, आँख खोज रही जल, मिलता कही न पथ गाफिल, क्सि बीहड में भटका ? पनघट का। इकहत्तर