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देशो के ३ हजार वैज्ञानिको ने भाग लिया और छै सो निबन्ध पढे गए जिनमे विश्व मे परमाणु क्षेत्र मे हुई प्रगति पर प्रकाश डाला गया। इस वर्ष भर ब्रिटेन, रूस और अमेरिका में परिमाण सम्बन्धी अनुसन्धान होते रहे। आठ अगस्त को अमेरिका की परमाणु शक्ति चालित पनडब्बी 'नाटिलस' ने उत्तरी ध्रव क्षेत्र मे बर्फ के नीचे १ हजार ८३० मील लम्बी यात्रा एक किनारे से दूसरे किनारे तक की। 'स्केट' नामक दूसरी पनडुब्बी ने भी ऐसी ही यात्रा की।

चिकित्सा क्षेत्रो मे इस वर्ष एक नई आशका ने जन्म लिया कि रोगाणुनाशक दवाओं की रोग कीटाणुप्रो की नाशक शक्ति कम हो गई है। अस्पतालो के अन्दर बच्चो मे एक महामारी फैली जिसमे सैकडो बच्चे मर गए। भारत मे पैन्सिलीन के टीके से अनेक मृत्यु हुई।

इस वर्ष प्राचीन इतिहास के भी कुछ नए तत्त्व प्राप्त हुए। ईराक मे एक ऐसी खोपडी और ककाल मिले जिनसे अनुमान होता था कि अब से पैंतालीस हजार वर्ष पूर्व एक मानव जैसा जीव नीउरथेलर था जो चट्टानो और गदा से लडता था। उस समय शल्य चिकित्सा भी होती थी। इटली की एक कोयला खान मे एक करोड वर्ष पुराना एक नर-ककाल मिला।

इस प्रकार भूभौतिक वर्ष ३१ दिसम्बर को समाप्त तो हो गया लेकिन मानव मस्तिष्क पर ज्ञानार्जन का भारी भार डाल गया।

विश्वक्रान्ति की दहलीज पर—

आज हम अणु युग मे गुजर रहे है। इस अणु युग मे मानव विश्व के इतिहास मे होने वाली महान् औद्योगिक, सामाजिक और आर्थिक क्रान्ति के द्वार पर खडा था। सर्व प्रथम सन १९४२ मे शिकागो विश्वविद्यालय के एक प्राङ्गण में प्रथम आणविक ज्वाला प्रकट की गई थी। यह ज्वाला उस विशाल शक्ति का नियन्त्रित रूप में प्राप्त किया गया वह अश था, जो लगभग ३ अरब वर्ष पूर्व, उस समय से अपने अणुओ के केन्द्र मे छिप गया था जब पृथ्वी का जन्म हुआ था। पृथ्वी पर जलाई गई यह ऐसी प्रथम ज्वाला थी जिसका उद्गम सूर्य से नही हुआ था। इसलिए मानव-जाति के उथल