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खग्रास


"यह चमत्कारी उपग्रह क्या बहुत आवश्यक सूचनाएँ पृथ्वी पर भेजेगा?"

"इसमें अन्तरिक्ष की सक्रिय शक्तियाँ और पृथ्वी मण्डल पर उनके होने वाले प्रभावों को रिकार्ड करने वाले अत्यन्त सूक्ष्म किन्तु अचूक यन्त्र फिट हैं। इन यन्त्रों द्वारा तापमान, हवा का दवाव, ब्रह्माड किरणों, अल्ट्रावायोलेट किरण, गुरुत्वाकर्षण, उल्कापिण्ड, और पृथ्वी मण्डल की ऊपरी सतह के सम्बन्ध में आवश्यक जानकारी प्राप्त होगी जिन्हें संसार के विभिन्न राष्ट्रों में स्थित २५ वैधशालाओं द्वारा रिकार्ड किया जायगा। यह उपग्रह एक राकेट द्वारा उड़ाया जायगा जो उसे ९० मिनिट में समस्त भू-मण्डल की परिक्रमा पूरी करने योग्य गति प्रदान करेगा। यह राकेट बिना परो का तथा ७२ फुट लम्बा है। ईंधन को मिला कर इस वेनगार्ड राकेट का कुल वजन ११ टन है। यह तीन मंजिलों में अपनी यात्रा पूरी करेगा। लो देखो—यही वह शक्तिशाली राकेट है।"

"क्या यह राकेट फिर पृथ्वी पर लौट आयगा?"

"नहीं। पहिली मंजिल में यह राकेट उपग्रह को ५,५०० फुट प्रति मिनिट की गति से ३६ मील तक ले जायगा। पहली मंजिल यहीं खत्म हो जायगी और इस राकेट का पहिला भाग टूट कर गिर जायगा, पर तुरन्त ही राकेट की दूसरी मंजिल की यात्रा शुरू होगी, दूसरी मंजिल में यह राकेट १४० मील की ऊँचाई तक १३,४०० फुट प्रति सैकण्ड की गति से सफर करेगा। दूसरी मंजिल तक पहुँच कर यह भाग भी टूट कर गिर जायगा। तब तीसरी मंजिल में २६० मील की ऊँचाई पर पहुचने पर राकेट का तीसरा भाग भी टूट कर गिर जायगा। तीसरी मंजिल में उपग्रह को इतनी गति प्राप्त हो जायगी कि वह ३०० मील की ऊँचाई तक पहुँच कर १८ हजार मील प्रति घण्टे की गति से पृथ्वी की परिक्रमा करने लगेगा।"

"ओ हो, अन्तरिक्ष पर विजय पाने का ऐसा प्रयत्न मनुष्य ने पहिले कभी नहीं किया था। परन्तु राकेट का शायद इतना महत्व पहिले नहीं समझा गया था।"