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खग्रास

जगह घेरती थी। इन बैटरियों से चालित ट्रान्समीटर १०८.३ मेगासाइमिल पर अपने सन्देश प्रसारित करता था। वैनगार्ड में एक ऐसा टेलिवीजन कैमरा भी फिट किया गया था जो सूर्य चालित बैटरियों की सहायता से काम करता था। वैनगार्ड राकेट का वजन ३.३५ पौण्ड, आकार गोल, ६४ इन्च व्यास था जिसे छोड़ते समय ४० हजार पौण्ड का धक्का दिया गया था, जो पृथ्वी से २५ हजार मील की ऊँचाई पर स्थिर हुआ। और १३५ मिनट की अवधि में पृथ्वी की परिक्रमा करने लगा।

इतना कहकर डा॰ सिगर उठ खड़े हुए। उन्होंने कहा—"अब मुझे वार्सीलोना जाना होगा—कल वहाँ विश्व अन्तरिक्ष कॉंग्रेस का अधिवेशन हो रहा है।"

वार्सीलोना की अन्तरिक्ष काँग्रेस

वार्सीलोना में विश्व अन्तरिक्ष काँग्रेस का एक महत्वपूर्ण अधिवेशन हो रहा था जिसमें ५० देशों के १० विशेषज्ञों ने भाग लिया था। अमेरिका के चोटी के वैज्ञानिक वहाँ उपस्थित थें। यह अधिवेशन नितान्त गोपनीय था। अमरीकी वैज्ञानिक डा॰ फ्रेण्ड सिंगर चन्द्रलोक की खोज के सम्बन्ध में एक अनोखी और अद्भुत योजना रखने वाले थें। परन्तु अभी तक डाक्टर अपनी प्रयोगशाला में किसी अत्यन्त महत्वपूर्ण खोज परीक्षण में व्यस्त थें। अधिवेशन में आये न थें। परन्तु वहाँ उनकी बड़ी तीव्र प्रतीक्षा हो रही थी। अन्ततः डाक्टर फ्रेण्ड सिगर व्यस्त भाव से वहाँ आये। उनके वस्त्र अस्त-व्यस्त थें, और उनके चेहरे पर भी परेशानी के चिन्ह झलक रहे थें। वे अत्यन्त थके हुये थें। जब उपस्थित जनों ने करतल ध्वनि से उनका स्वागत किया—तब तक एक फीकी मुस्कान उनके झुर्रियों से भरे मुख पर फैल गई। उन्होंने हाथ के संकेत से सबको शान्त बैठने का संकेत किया और कहा—"मित्रों, मैंने यह तय किया है कि चन्द्रमा पर उद्जन बमों का विस्फोट करके वहाँ उसके निशान किये जायें। इस समय हमारे पास इतने अधिक उद्जन बम तैयार हैं कि सारी पृथ्वी के मनुष्यों और प्राणियों तथा वनस्पतियों का विनाश करके भी बहुत बच सकते है। उनके उपयोग का यह उपयोगी तरीका है।"