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खग्रास


दोनों दोस्त हँसने लगे। स्मिथ ने कहा—अच्छा अब डिनर का वक्त हो गया, चलिए।"

दोनों दोस्त डिनर लेने चल दिये।

बर्लिन समस्या

द्वितीय महासागर के अन्तिम दिनों में रूसी सैनिकों ने बर्लिन में प्रवेश करके उस पर अपना पूर्ण अधिकार कर लिया। तीन मास रूसी सैनिकों का वहाँ प्रभुत्व रहा। इन तीन महीनों में बर्लिन को जो हानि सहन करनी पड़ी वह युद्धकाल की हानि की अपेक्षा अत्यधिक थी। मई सन् १९४५ में जब रूसी सैनिकों ने नगर अधिकृत किया तो नगर के १५ लाख मकानों में से ३ लाख मकान रहने के योग्य नहीं रह गये थें। नगर की लाखों की विशाल जनसंख्या में प्रति १० मनुष्यों में तीस बरस से कम आयु का एक ही था। शहर के भिन्न-भिन्न इलाकों को जोड़ने वाले २५० पुलों में से १२८ तोड़ डाले गये थें। बर्लिन के ७५-८० प्रतिशत कल-कारखानों को तहस-नहस कर डाला गया। लोहा-इस्पात तथा अन्य धातुओं के उद्योगों में ९० प्रतिशत, बिजली के उद्योगों मे ८५ प्रतिशत, चश्में और औजारों के उद्योग में ८० प्रतिशत, छपाई में ७५ प्रतिशत और मोटर बनाने वालों में ७० प्रतिशत, उत्पादन शक्ति नष्ट कर दी गई थी। रूसी सेना ने बर्लिन में घुसते ही बैंक के खातों को रोक दिया या। जुलाई में चारों विजयी शक्तियों ने जर्मनी के साथ बर्लिन को भी बाँट लिया। जर्मनी के कई खण्डों मे बँट जाने पर भी बर्लिन का खण्ड-खण्ड हो कर बँट जाना जर्मन जनता को असह्य हुआ। बर्लिन उद्योग और व्यापार के केन्द्र के अतिरिक्त जर्मनी की राजधानी भी थी। उन की संस्कृति और जीवन की प्रतीक थी। बर्लिन अत्यन्त शानदार और सुन्दर नगर था। विस्मार्क ने उसे पैरिस के समान सुन्दर बनाने में कसर नहीं छोड़ी थी। उसमें जो विशेषताएँ थी, वे लन्दन, पैरिस, वियना आदि नगरों में न थी।

बर्लिन शहर को चार भागों में बाँटा गया। इंग्लैंड, फ्रांस, अमेरिका, और रूस चारों ने एक-एक भाग पर दखल कर लिया था। पीछे फ्रांस, इंगलैण्ड