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खग्रास

है और जहाज-घाटो को विस्तार दिया जा रहा है। इस काम के लिये भारत के विविध स्थलो मे अड्डे बनाये गए है।"

"पाकिस्तान मे भी तो विशाल पैमाने पर सैनिक निर्माण किया जा रहा है जिसमे ग्राणविक राकेटो का भी निर्माण शामिल है।"

"परन्तु ये अड्डे तो रूस और शान्तिप्रिय पडोसी देशो के विरुद्ध बनाये जा रहे है?"

"जो हो, पर पाकिस्तान का राष्ट्रीय हित तो इसी में है कि वह अपने पड़ोसी देशो के साथ मित्रता की नीति अपनाए तथा सुदूर पूर्व और प्रशान्त महासागर क्षेत्र मे अणुमुक्त क्षेत्र निर्माण करने मे सहायता दे।"

"परन्तु अमरीकी प्रतिरक्षा विभाग बड़ी तेजी से सैनिक तैयारियॉ कर रहा है। इस सिलसिले मे वह पश्चिमी राष्ट्रो की सैनिक शक्ति बढा रहा है। और इटली-क्षेत्र मे प्रक्षेपणास्त्रो के अड्डे तैयार कर रहा है और तीव्रगामी वायुयानो को पश्चिमी जर्मनी मे रखा जा रहा है।"

"क्या किया जाय। रूस पूर्वी जर्मनी को मुक्त करने की घोषणा कर चुका है। अमेरिका को हर संकट का सामना करने को तैयार रहना पड़ रहा है।"

"परन्तु क्या आप समझते है कि दो आणविक महाशक्तियाँ इस सकट पूर्ण विश्व मे अनिश्चित काल तक एक दूसरे को बुरी नजर से देखती रहेगी?" जोरोवस्की ने स्मिय की ओर देखकर कहा।

"यह तो अत्यन्त निराशापूर्ण विश्वास है। इसमे सन्देह नहीं कि प्रारम्भ मे अमेरिका ने अणुशक्ति का प्रयोग युद्ध मे किया, परन्तु उसके बाद अमेरिका इस नए शस्त्र के अन्तर्राष्ट्रीय नियन्त्रण और अणुशक्ति को लोक-कल्याणकारी कार्यों में प्रयुक्त करने मे प्रयत्नशील रहा है। हमने सन् १९४६ मे ही 'वारूक योजना' सयुक्त राष्ट्र संघ मे पेश की थी और प्रस्ताव रखा था कि अणुबमो का निर्माण बन्द कर दिया जाय और जो बम विद्यमान है, उन्हे नष्ट कर दिया जाय।" स्मिथ ने कहा।