पृष्ठ:खग्रास.djvu/३५

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
३५
खग्रास

मुझमे गहरी दिलचस्पी रखते है। उनमे एक वह उस कोने मे टेबल पर तुम्हारे दाहिनी बाजू पीछे की ओर बैठा है मगर तुम मुँह फेर कर देखने मत लगना।"

"नहीं, पर वह" मेरे सामने भी एक आदमी बैठा है, जो नज़र छिपाकर हमे घूर रहा है।"

"वह लम्बा आदमी न, जिसकी तरासी हुई छोटी छोटी मूँछे है। सुर्ख टाई बाँधे है।"

"वही है। उसे कुछ अचरज और गुस्सा भी हो रहा है।"

"जरूर होगा। तीन दिन से वह मेरे साथ इसी टेबल पर खाना खाता था। आज भी उसे यही आशा थी। पर उसके आने से पहले ही तुमने उसकी कुर्सी दखल कर ली।"

"ठीक है। गुस्सा होने की बात ही है। लेकिन मेरे पीछे कौन है?"

"उठने के बाद देख लेना, वह ज्यादा गहरा आदमी प्रतीत होता है, वह मोटा ठिगना-सा आदमी काला अमेरिकन सूट पहने बैठा है।"

"क्या अमेरिकन है?" ठीक नही कह सकती। उच्चारण तो उसका अंग्रेज़ जैसा है।" "तुम्हारी उससे मुलाकात कहाँ हुई?"

"हागकाग में। तुम्हे तो मालूम है, मैं कोरिया और चीन की राह आ रही हूँ। वह दिल्ली तक मेरे साथ ही आया है।"

"हाँ, हाँ, खैर मैं उसे देख लूँगा। लेकिन अब हमे शायद यहाँ से जल्द ही रवाना होना पड़ेगा। और इसी बीच इन दोनो दोस्तो को खूब जाँच परख लेना है। लो वह तो इधर ही आ रहा है।"

थोड़ी ही देर मे उस लाल टाई वाले व्यक्ति ने लिजा को झुककर अभिवादन किया और जोरोवस्की की ओर तनिक झुककर कहा—"मुझे क्षमा कीजिए महाशय। लेकिन मिस, आप शायद यह रूमाल कल टेबल पर ही भूल गई थी।"

"बहुत बहुत धन्यवाद मिस्टर स्मिथ, कृपा कर बैठ जाइए। इनसे मिलिए मेरे साथी हैं जोरोवस्की।"