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रमा ने दुविधा में पड़कर कहा-मैं ही चला जाऊँगा।

'तुम्हें मैं न जाने दूंगा। कहीं फँस जाओ तो बस!'

'फँसना तो एक दिन है ही। कब तक छिपा रहूँगा?'

'तो मरने के पहले ही क्यों रोना-पीटना हो? जब फँसोगे, तब देखी जाएगी। लाओ, मैं चला जाऊँ। बुढिया से कोई बहाना कर दूँगा। अभी भेंट भी हो जाएगी। दफ्तर ही में रहते भी हैं। फिर घूमने-घामने चल देंगे, तो दस बजे से पहले न लौटेंगे।' रमा ने डरते-डरते कहा—तो दस बजे बाद जाना, क्या हरज है?

देवीदीन ने खड़े होकर कहा-तब तक कोई दूसरा काम आ गया, तो आज रह जाएगा। घंटे भर में लौट आता हूँ। अभी बुढिया देर में आएगी। यह कहते हुए देवीदीन ने अपना काला कंबल ओढ़ा, रमा से लिफाफा लिया और चल दिया।

जग्गो साग-भाजी और फल लेने मंडी गई हुई थी। आधा घंटे में सिर पर एक टोकरी रखे और एक बड़ा सा टोकरा मजूर के सिर पर रखवाए आई। पसीने से तर थी। आते ही बोली–कहाँ गए? जरा बोझा तो उतारो, गरदन टूट गई।

रमा ने आगे बढ़कर टोकरी उतरवा ली। इतनी भारी थी कि सँभाले न सँभलती थी। जग्गो ने पूछा-वह कहाँ गए हैं? रमा ने बहाना किया—मुझे तो नहीं मालूम, अभी इसी तरफ चले गए हैं। बुढिया ने मजूर के सिर का टोकरा उतरवाया और जमीन पर बैठकर एक टूटी सी पंखिया झलती हुई बोली-चरस की चाट लगी होगी और क्या, मैं मर-मर कमाऊँ और यह बैठे-बैठे मौज उड़ाएँ और चरस पिएँ। रमा जानता था, देवीदीन चरस पीता है, पर बुढिया को शांत करने के लिए बोला-क्या चरस पीते हैं? मैंने तो नहीं देखा!

बुढिया ने पीठ की साड़ी हटाकर उसे पंखी की डंडी से खुजाते हुए कहा—इनसे कौन नसा छूटा है, चरस यह पीएँ, गाँजा यह पीएँ, सराब इन्हें चाहिए, भाँग इन्हें चाहिए, हाँ अभी तक अफीम नहीं खाई, या राम जाने खाते हों, मैं कौन हरदम देखती रहती हूँ। मैं तो सोचती हूँ, कौन जाने आगे क्या हो, हाथ में चार पैसे होंगे, तो पराए भी अपने हो जाएँगे, पर इस भले आदमी को रत्ती-भर चिंता नहीं सताती। कभी तीरथ है, कभी कुछ, कभी कुछ, मेरा तो (नाक पर उँगली रखकर) नाक में दम आ गया। भगवान् उठा ले जाते तो यह कुसंग तो छूट जाती। तब याद करेंगे लाला! तब जग्गो कहाँ मिलेगी, जो कमा-कमाकर गुलछर्रे उड़ाने को दिया करेगी। तब रक्त के आँसू न रोएँ, तो कह देना कोई कहता था। (मजूर से) कै पैसे हुए तेरे? मजूर ने बीड़ी जलाते हुए कहा-बोझा देख लो दाई, गरदन टूट गई! जग्गो ने निर्दय भाव से कहा हाँ-हाँ, गरदन टूट गई! बड़ी सुकुमार है न? यह ले, कल फिर चले आना। मजूर ने कहा-यह तो बहुत कम है। मेरा पेट न भरेगा।