पृष्ठ:गुप्त-धन 2.pdf/२१५

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
कवच
२२१
 


तुम आप कर सकते हो। मैं बर्मा में नजरबन्द कर दिया जाऊँगा, रियासत गैरों के हाथ मे चली जायगी और मेरा जीवन नष्ट हो जायगा। मैं चाहता हूँ कि आज ही चले जाओ। यह इम्पीरियल बैक का चैक बुक है। मैंने चैकों पर दस्तखत कर दिये है, जब जितने रुपयों की जरूरत हो, ले लेना।

मेरा दिमाग सातवे आसमान पर जा पहुंचा। अब मुझे मालूम हुआ कि प्रलोभन में ईमान को बिगाड़ने की कितनी शक्ति होती है। मुझे जैसे कोई नशा हो गया। मैंने एक किताब में पढ़ा था कि अपने भाग्य-निर्माण का अवसर हर एक आदमी को मिलता है, और एक ही वार। जो इस अवसर को दोनों हाथों से पकड लेता है, वह मर्द है, जो आगा-पीछा मे पड़कर उसे छोड़ देता है, वह कायर है। एक को धन, यश, गौरव नसीब होता है और दूसरा खेद, लज्जा और दुर्दशा मे रो-रोकर जिन्दगी के दिन काटता है। फैसला करने के लिए केवल एक क्षण का समय मिलता है। वह समय कितना बहुमूल्य होता है। मेरे जीवन मे यह वही अवसर था। मैंने उसे दोनों हाथों से पकड़ने का निश्चय कर लिया। सौभाग्य अपनी सर्वोत्तम सिद्धियो का थाल लिये मेरे सामने हाजिर है, वह सारी विभूतियाँ, जिनके लिए आदमी जीता-मरता है, मेरा स्वागत करने के लिए खड़ी है। अगर इस समय मै उनकी उपेक्षा करूँ, तो मुझ जैसा अभागा आदमी संसार मे न होगा। माना कि बडे जोखिम का काम है, लेकिन पुरस्कार तो देखो। दरिया मे गोता लगाने ही से तो मोती मिलता है, तख्त पर बैठे हुए कायरों के लिए कौडियों और घोषो के सिवा और क्या है? माना कि बेगुनाह के खून से हाथ रँगना पडेगा। क्या मुजायका! बलिदान से ही वरदान मिलता है। संसार समर भूमि है। यहाँ लाशों का जीना बनाकर उन्नति के शिखर पर चढ़ना पड़ता है। खून के नालों में तैरकर ही विजय-तट मिलता है। संसार का इतिहास देखो, सफल पुरुषों का चरित्र रक्त के अक्षरों में लिखा हुआ है। वीरों ने सदैव खून के दरिया मे गोते लगाये है, खून की होलियां खेली है। खून का डर दुर्बलता और कमहिम्मती का चिह्न है। कर्मयोगी की दृष्टि लक्ष्य पर रहती है, मार्ग पर नही, शिखर पर रहती है, मध्यवर्ती चट्टानों पर नही। मैंने खड़े होकर अर्ज की—गुलाम इस खिदमत के लिए हाजिर है।

राजा साहब ने सम्मान की दृष्टि से देखकर कहा—मुझे तुमसे यही आशा थी। तुम्हारा दिल कहता है कि यह काम पूरा कर आओगे ?

'मुझे विश्वास है।'

'मेरा भी यही विचार था। देखो, एक-एक क्षण का समाचार भेजते रहना।