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पृष्ठ:गुप्त-धन 2.pdf/२२१

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यूसरी शादी
२२७
 


लेकिन सब झूठ। औरत चाहे कितनी नेकदिल हो वह कभी अपने सौतेले बच्चे से प्यार नही कर सकती।

और यह हार्दिक दुख वह वादा तोड़ने की सजा है जो कि मैने एक नेक बीवी से उसके आखिरी वक्त मे किया था।

—चन्दन, सितम्बर १९३१